क्या दिल्ली कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में है ?

दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 4,853 नए मामले सामने आए है और 44 मौतें हुई हैं। नए मामलो में राजधानी दिल्ली का अबतक का सबसे बड़ा सिंगल-डे जंप है और पिछले पांच दिनों में चौथी बार 4,000 से ज़्यादा मामले सामने आए।
यह पिछले 10 दिनों में आठ बार भी है कि 24 घंटे में 3,000 से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं। सबसे चिंताजनक बात ये है की दिल्ली में कोरोना के नए मामलो में ज़बरदस्त उछाल ऐसे समय में देखने को मिल रहा है जब राष्ट्रीय स्तर पर इसमें भारी गिरावट देखने को मिल रही है। सवाल ये भी उठ रहे की क्या दिल्ली में सेकंड वेव या दूसरी लहर देखने को मिल रही है।
दरअसल, जून के महीने में दिल्ली में तेज़ी से मामले बढ़ रहे थे जिसके बाद केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें की चिंता बढ़ गई थी। अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे थे और मरने वालो का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा था। उस समय राजधानी में रोज़ाना 2 हज़ार के लगभग मामले सामने आये थे। बाद में केंद्र और राज्य ने आगे बड़कर स्तिथि को संभाला। राजधानी में 309 से भी अधिक कन्टेनमेंट जोन बनाये गए, अस्पताल और आइसोलेशन सेंटर बढ़ाये गए और लोगो को घर में ही आइसोलेट होने की छूट दी गई। इससे राजधानी में स्तिथि संभली और दिल्ली में कोरोना के नए केस अगस्त आते आते 1000 से भी कम रह गए। अब दिल्ली में लगातार बढ़ रहे मामलो पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी चिंता व्यक्त की है और गुरुवार को इसके रोकथाम को लेकर नई रणनीति बनाने के लिए सीनियर अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई गई है। राजेश भूषण, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, के मुताबिक सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि दिल्ली में पॉजिटिव रेट 8.06 प्रतिशत है जोकि काफी अधिक है। ध्यान रहे, देश में उत्सव और सर्दियों की शुरुआत के साथ ही कोरोना संक्रमण की एक नई तीव्र लहर आ सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि तापमान गिरते ही COVID-19 वायरस और भी घातक हो सकता है। बता दें, दिल्ली में दर्ज किए गए COVID-19 मामलों की कुल संख्या अब 3.64 लाख को पार कर गई है, जिनमें से सक्रिय मामले 27,873 हैं, मौतें 6,356 हैं और 3.3 लाख लोग रिकवर हो चुके है।
दरअसल, जून के महीने में दिल्ली में तेज़ी से मामले बढ़ रहे थे जिसके बाद केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें की चिंता बढ़ गई थी। अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे थे और मरने वालो का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा था। उस समय राजधानी में रोज़ाना 2 हज़ार के लगभग मामले सामने आये थे। बाद में केंद्र और राज्य ने आगे बड़कर स्तिथि को संभाला। राजधानी में 309 से भी अधिक कन्टेनमेंट जोन बनाये गए, अस्पताल और आइसोलेशन सेंटर बढ़ाये गए और लोगो को घर में ही आइसोलेट होने की छूट दी गई। इससे राजधानी में स्तिथि संभली और दिल्ली में कोरोना के नए केस अगस्त आते आते 1000 से भी कम रह गए। अब दिल्ली में लगातार बढ़ रहे मामलो पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी चिंता व्यक्त की है और गुरुवार को इसके रोकथाम को लेकर नई रणनीति बनाने के लिए सीनियर अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई गई है। राजेश भूषण, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, के मुताबिक सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि दिल्ली में पॉजिटिव रेट 8.06 प्रतिशत है जोकि काफी अधिक है। ध्यान रहे, देश में उत्सव और सर्दियों की शुरुआत के साथ ही कोरोना संक्रमण की एक नई तीव्र लहर आ सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि तापमान गिरते ही COVID-19 वायरस और भी घातक हो सकता है। बता दें, दिल्ली में दर्ज किए गए COVID-19 मामलों की कुल संख्या अब 3.64 लाख को पार कर गई है, जिनमें से सक्रिय मामले 27,873 हैं, मौतें 6,356 हैं और 3.3 लाख लोग रिकवर हो चुके है।
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