जून महीने में सर्विस पीएमआई गिरकर 41.1 पर

by M. Nuruddin 2 years ago Views 2228

India's services PMI falls to 41.2 in June
कोरोनावायरस संक्रमण को क़ाबू करने के लिए स्थानीय स्तर पर  लगाए गए प्रतिबंधों से सर्विस सेक्टर को एक बार फिर बड़ा नुक़सान हुआ है। इस वजह से डिमांड में बड़ी गिरावट आई है और इसके साथ ही कंपनियों ने फिर से अपने कर्मचारियों की छंटनी भी की है। यह जानकारी एक प्राइवेट सर्वे में पता चली है। 

आईएचएस मार्किट के मुताबिक़ भारत का सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स पिछले महीने गिरकर 41.2 पर आ गया, जो मई में 46.4 पर था। यह जुलाई 2020 के बाद से सबसे कम रीडिंग है। अगर यह रीडिंग 50 से ज़्यादा होती है तो वो विस्तार का संकेत है, जबकि 50 से नीचे की रीडिंग कॉन्ट्रेक्न यानि संकुचन के संकेत देते हैं।


आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्र के एसोसिएट निदेशक पोलीन्ना डी लीमा का कहना है, "भारत में वर्तमान COVID-19 स्थिति को देखते हुए, यह पहले से उम्मीद की जा रही थी कि सेवा क्षेत्र प्रभावित होगा। जून के PMI डेटा नए व्यवसाय, उत्पादन और रोजगार में तेज गिरावट दर्शाते हैं, जो पहले लॉकडाउन में दर्ज की तुलना में तेज लेकिन सॉफ्ट गिरावट है।"

नतीजतन कंपनियों ने लगातार सातवें महीने तक कर्मचारियों की छंटनी की, जबकि जून महीने में इसमें कमी देखी गई। करीब एक महीने पहले रॉयटर्स द्वारा किए गए एक सर्वे में बताया गया था कि आने वाले साल में नौकरी का संकट और ज़्यादा गहरा सकता है। 

उच्च कच्चे माल और परिवहन लागत पर पिछले महीने इनपुट की कीमतें फिर से बढ़ीं, यह दर्शाता है कि आने वाले महीने में महंगाई दर आरबीआई द्वारा अनुमानित 2-6 फीसदी से ज़्यादा रह सकती है।

देश में मई महीने में महंगाई दर 6 फीसदी दर्ज की गई थी जो अपने छह महीने उच्चतम स्तर पर रहा था। आंकड़े देखें तो मई मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज़ एक्टिविटी में गिरावट से कंपोज़िट इंडेक्स मई में 48.1 के मुक़ाबले गिरकर 43.1 पर आ गया है।

पीएमआई आउटपुट इंडेक्स से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग में जुलाई 2020 के मुक़ाबले काफी तेज़ी से गिरावट आई है। कारखानों के उत्पादन में 11 महीने में पहली बार तेज़ गति के साथ कॉन्ट्रेक्शन हुआ है और साथ ही सर्विस एक्टिविटी भी धीमी पड़ी है।

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