2022-23 के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान दस दिनों के भीतर घटा !

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए निर्धारित जीडीपी अनुमान दस दिनों के भीतर घट गया है। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने 10 फरवरी 2022 को 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटाकर 7.8 फीसदी कर दिया। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त मंत्रालय ने जीडीपी के 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।
रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने मोनेटरी पॉलिसी स्टेटमेंट में कहा कि, “कुल मिलाकर, निकट अवधि के विकास की गति में कुछ कमी आई है जबकि वैश्विक फैक्टर प्रतिकूल हो रहे हैं। घरेलू मांग में सुधार हो रहे हैं। इन सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए, रियल जीडीपी ग्रोथ रेट 2022-23 के लिए 7.8 फीसदी होने का अनुमान है।
आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 17.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7.0 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी रह सकती है। नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस द्वारा 7 जनवरी 2022 को जारी पहले अग्रिम अनुमानों के मुताबिक़ 2021-22 में भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 9.2 फीसदी रहने की संभावना है जो गवर्नर के मुताबिक़ महामारी के पूर्व स्तर 2019-20 के मुक़ाबले ज़्यादा है। अपने मोनेटरी पॉलिसी स्टेटमेंट में गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने आख़िरी बार मई 2020 में रेपो रेट में बदलाव किया था जो 4 फीसदी पर बरक़रार है। रेपो रेट एक ब्याज़ दर है जिसके तहत आरबीआई बैंकों को शॉर्ट-टर्म के लिए लोन मुहैया कराता है। इनके अलावा रिवर्स रेपो रेट को भी आरबीआई ने 3.35 फीसदी पर ही बरक़रार रखा है।
आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में 17.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 7.0 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी रह सकती है। नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस द्वारा 7 जनवरी 2022 को जारी पहले अग्रिम अनुमानों के मुताबिक़ 2021-22 में भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 9.2 फीसदी रहने की संभावना है जो गवर्नर के मुताबिक़ महामारी के पूर्व स्तर 2019-20 के मुक़ाबले ज़्यादा है। अपने मोनेटरी पॉलिसी स्टेटमेंट में गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने आख़िरी बार मई 2020 में रेपो रेट में बदलाव किया था जो 4 फीसदी पर बरक़रार है। रेपो रेट एक ब्याज़ दर है जिसके तहत आरबीआई बैंकों को शॉर्ट-टर्म के लिए लोन मुहैया कराता है। इनके अलावा रिवर्स रेपो रेट को भी आरबीआई ने 3.35 फीसदी पर ही बरक़रार रखा है।
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