ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत, पड़ोसी देशों से पिछड़ा

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की सालाना रिपोर्ट शुक्रवार को जारी कर दी गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक़ 107 देशों में भारत की रैंकिंग 94वें पायदान पर है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत को 27.2 अंक मिले हैं जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं। हालांकि पिछली बार कि जीएचआइ में 117 देशों को शामिल किया गया था जिसमें भारत को 102वां स्थान मिला था। अगर देखा जाए तो भारत की रैंकिंग में सुधार तो हुआ है लेकिन देशों की संख्या घटी है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ साउथ एशिया में भारत के पड़ोसी देशों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। जीएचआइ की लिस्ट में श्रीलंका को 64वां रैंक मिला है। जबकि इस लिस्ट में नेपाल 73वें और बांग्लादेश 75वें स्थान पर है। वहीं म्यांमार को 78वीं और पाकिस्तान को 88वीं रैंकिंग मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक़ पड़ोसी देशों में सिर्फ अफग़ानिस्तान ऐसा देश है जो भारत के नीचे है और लिस्ट में 99वें स्थान पर है। जबकि रिपोर्ट में भूटान की रैंकिंग नहीं दी गई है।
जीएचआइ की नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत की करीब 14 फीकदी आबादी कुपोषण का शिकार है। वहीं भारत के बच्चों में स्टंटिंग रेट 37.4 फीसदी है। स्टंटेड बच्चे वो कहलाते हैं जिनकी लंबाई उनकी उम्र की तुलना में कम होती है और जिनमें भयानक कुपोषण दिखता है। भारत, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान के 1991-2014 तक के आंकड़ों बताते हैं कि स्टंटिंग बच्चे आहार की विविधता, मातृ शिक्षा का निम्न स्तर और घरेलू गरीबी का गंभीर रूप से सामना कर रहे हैं। बता दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट हर साल जारी की जाती है। इसमें जिन देशों का स्कोर नीचे रहता है उनको ऊंची रैंकिंग मिलती है। वहीं जिनका स्कोर ज़्यादा होता है उन्हें ख़राब रैंकिंग दी जाती है। साल 2030 तक दुनिया जीरो हंगर के लक्ष्य से काम कर रही है, जिसको मापने के लिए हर साल यह रिपोर्ट जारी की जाती है। हालांकि जीएचआइ की नई रिपोर्ट बताती है कि 2030 तक 37 ऐसे देश हैं जो ज़ीरो हंगर का लक्ष्य हासिल करने में विफल होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक़ 17 ऐसे देश हैं जिन्होंने जीएचआइ में अच्छा प्रदर्शन किया है। इनमें बेलारूस पहले स्थान पर है। वहीं टॉप 17 देशों में ब्राज़ील, चिले, चीन, तुर्की और कुवैत जैसे देश शामिल हैं। जबकि 13 ऐसे देश हैं जो इस लिस्ट में भारत के नीचे हैं। इनमें रवांडा (97), नाइजीरिया (98), अफगानिस्तान (99), लाइबेरिया (102), मोजाम्बिक (103) और चाड 107वें स्थान पर है।
जीएचआइ की नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत की करीब 14 फीकदी आबादी कुपोषण का शिकार है। वहीं भारत के बच्चों में स्टंटिंग रेट 37.4 फीसदी है। स्टंटेड बच्चे वो कहलाते हैं जिनकी लंबाई उनकी उम्र की तुलना में कम होती है और जिनमें भयानक कुपोषण दिखता है। भारत, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान के 1991-2014 तक के आंकड़ों बताते हैं कि स्टंटिंग बच्चे आहार की विविधता, मातृ शिक्षा का निम्न स्तर और घरेलू गरीबी का गंभीर रूप से सामना कर रहे हैं। बता दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट हर साल जारी की जाती है। इसमें जिन देशों का स्कोर नीचे रहता है उनको ऊंची रैंकिंग मिलती है। वहीं जिनका स्कोर ज़्यादा होता है उन्हें ख़राब रैंकिंग दी जाती है। साल 2030 तक दुनिया जीरो हंगर के लक्ष्य से काम कर रही है, जिसको मापने के लिए हर साल यह रिपोर्ट जारी की जाती है। हालांकि जीएचआइ की नई रिपोर्ट बताती है कि 2030 तक 37 ऐसे देश हैं जो ज़ीरो हंगर का लक्ष्य हासिल करने में विफल होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक़ 17 ऐसे देश हैं जिन्होंने जीएचआइ में अच्छा प्रदर्शन किया है। इनमें बेलारूस पहले स्थान पर है। वहीं टॉप 17 देशों में ब्राज़ील, चिले, चीन, तुर्की और कुवैत जैसे देश शामिल हैं। जबकि 13 ऐसे देश हैं जो इस लिस्ट में भारत के नीचे हैं। इनमें रवांडा (97), नाइजीरिया (98), अफगानिस्तान (99), लाइबेरिया (102), मोजाम्बिक (103) और चाड 107वें स्थान पर है।
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