इंडोनेशिया के पाम ऑयल निर्यात पर प्रतिबंध का भारत पर क्या असर पड़ेगा ?

by M. Nuruddin 1 year ago Views 18863

How will the ban on Indonesia's palm oil export af
इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के निर्यात पर 28 अप्रैल से प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है जिसका सीधा असर भारत पर पड़ना तय है। दुनिया के सबसे बड़े पाम ऑयल उत्पादक देश के इस फैसले से भारत में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ सकती हैं। भारत इंडोनेशिया का सबसे बड़ा पाम ऑयल आयातक देश है। भारतीय ट्रेड समूहों ने प्रतिबंध के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

इंडोनेशिया के वित्त मंत्री ने रॉयटर्स से कहा कि - “पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध का कुछ देशों पर असर पड़ सकता है लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से खाद्य तेलों की घरेलू कीमतों को काबू करने के लिए यह क़दम ज़रूरी है।”


वित्त मंत्री श्री मुल्यानी ने कहा कि शुक्रवार को प्रतिबंध का फैसला “सबसे कठोर क़दमों में से है” जिसे सरकार ने घरेलू कीमतों को स्थिर करने के पिछले उपायों के विफल होने के बाद लिया है।

आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक के स्प्रिंग मीटिंग के बाद एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, “हम जानते हैं कि वैश्विक निर्यात के लिए इसके परिणाम ठीक नहीं होंगे।” इंडोनेशियाई वित्त मंत्री ने आगे कहा - “अगर हम निर्यात नहीं कर रहे हैं, तो इसका ज़रूर कुछ देशों पर असर पड़ेगा।”

ग़ौरतलब है कि इंडोनेशिया के कुल पाम ऑयल उत्पादन का 45 फीसदी भारत आयात करता है। भारत प्रत्येक साल 13-13.5 मिलियन टन खाद्य तेलों का आयात करता है जिसमें 8-8.5 मिलियन टन या 63 फीसदी पाम ऑयल ही होते हैं। इनके अलावा मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर और नेपाल जैसे देशों से भी भारत पाम ऑयल का आयात करता है।

भारत में प्रत्येक महीने 3-3.25 लाख टन पाम ऑयल की खपत है। ऐसे में ट्रेड ग्रुप का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अगर यह सप्लाई बंद हो जाता है तो इसका घरेलू कीमतों पर बहुत बुरा असर पड़ सकता है।

हालांकि इसका असर सिर्फ भारत पर ही नहीं पड़ेगा बल्कि दुनिया के कई देश पाम ऑयल के लिए इंडोनेशिया पर निर्भर हैं।

दुनियाभर में सालाना 240 मिलियन टन खाद्य तेलों की खपत है जिसमें 80 मिलियन टन या 34 फीसदी पाम ऑयल होते है - इनमें 50 मिलियन टन इंडोशिया से ही निर्यात होता है।

स्टेटिस्टा के आंकड़ों के मुताबिक़ - इंडोनेशिया सालाना 44.5 मिलियन मेट्रिक टन पाम ऑयल का उत्पादन करता है।

पाम ऑयल इंडोनेशिया में 20 मिलियन टन के साथ सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला वनस्पति तेल है, जबकि कच्चे पाम ऑयल को कॉस्मेटिक्स से लेकर, रिफाइनिंग, चॉकलेट स्प्रेड तक कई तरह के इस्तेमाल के लिए दुनियाभर में निर्यात किया जाता है।

ग़ौरतलब है कि फरवरी महीने में देश में खाद्य तेलों की कीमतें अपने उच्च स्तर पर पहुंच गई थी और सरकार ने कीमतों को कम करने के लिए एग्री-सेस में कटौती की थी।

तब देश में खाद्य तेलों की कीमतें जैसे - मूंगफली तेल 178.80 रुपये प्रति लीटर, सरसों का तेल 189.23 रुपये प्रति लीटर, वनस्पति 140.99 रुपये प्रति लीटर, सोया तेल 147.22 रुपये प्रति लीटर, सूरजमुखी तेल 161.37 रुपये प्रति लीटर और पाम तेल 130.66 रुपये प्रति लीटर पर थी जो कीमतों में कटौती के बाद स्थिर बनी हुई है।

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