गुजरात: “साक्षर” मुख्यमंत्री की असाक्षर कैबिनेट

देश की राजनीति में “डिग्री” का एक अलग ही महत्व बन गया है। अभी गुजरात में राजनीतिक उठापटक ख़त्म ही हुई थी कि नए-नवेले मुख्यमंत्री के कैबिनेट मंत्रियों की डिग्री पर सवाल खड़े हो गए हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बाद ही गुजरात के नए मंत्रियों की शैक्षणिक योग्यता पर बहस छिड़ी हुई है।
दरअसल कैबिनेट के 25 मंत्रियों में 50 फीसदी से भी ज़्यादा मंत्रियों ने 12वीं कक्षा से कम पढ़ाई की है। हालांकि कुछ ऐसे मंत्री भी हैं जिन्होंने पीएचडी तक की पढ़ाई की है लेकिन मुख्यमंत्री के पास ख़ुद की डिप्लोमा की डिग्री है। मुख्यमंत्री ने सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में डिप्लोमा तक पढ़ाई की हुई है।
कैबिनेट में शामिल 14 मंत्री ऐसे हैं जिन्होंने सिर्फ 12 तक की पढ़ाई की है। इसका मतलब है कि मंत्रिमंडल के 60 फीसदी मंत्रियों ने कॉलेज नहीं देखा है। कैबिनेट के दो मंत्री निमिषाबेन सुथार और कीर्तिसिंह वाघेला ने ग्रेजुएशन करने की कोशिश तो की लेकिन एक ही साल के भीतर पढ़ाई छोड़ दी और अपना ग्रेजुएशन पूरा नहीं किया।
इनके अलावा मंत्रिमंडल के 11 मंत्रियों ने ग्रेजुएट या इससे ज़्यादा शिक्षित होने का दावा किया है। 13 मंत्रियों ने अपनी शिक्षा 8वी सें 12वीं के बीच घोषित की है। इनमें महुवा से विधायक आर सी मकवाना और कतारगाम से विधायक विनुभाई मोरडिया समेत कई मंत्री शामिल हैं।
कैबिनेट मंत्री किरीट सिंह राणा, नरेश पटेल और प्रदीप परमार ने सिर्फ 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, जबकि गृह राज्य मंत्री बनाए गए हर्ष सांघवी और विधायक जीतूभाई चौधरी ने 9वीं तक शिक्षा हासिल की। राजकोट से आने वाले राज्य मंत्री अरविंद रैयाणी ने भी 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। अगर बात करें सबसे कम पढ़े-लिखे मंत्री की तो राज्य के पशुपालन और गौ-संवर्धन मंत्री देवाभाई मालम ने सबसे कम सिर्फ चौथी कक्षा तक शिक्षा ली है, जबकि सबसे अधिक पढ़े लिखे मिनिस्टर में महिसागर के संतरामपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रोफ़ेसर कुबेर डिंडोर का नाम आता है, जिन्होंने हिंदी भाषा में मास्टर किया है। उनकी उच्चतम शिक्षा पीएचडी है।
गुजरात की नए कैबिनेट में दो महिला मंत्रियों मनीषाबेन वकील और निमिषाबेन सुथार को जगह मिली है। उम्र की बात करें कैबिनेट के 52 फीसदी मंत्रियों की उम्र 30 से 50 साल है यानि इन्हें युवा मंत्रियों की गिनती में शामिल किया जा सकता है। जबकि 48 प्रतिशत मिनिस्टर की उम्र 51-70 साल के बीच है।
गुजरात के नए कैबिनेट के अपराधिक बैकग्राउंड की रिपोर्ट देखने पर पता चलता है कि एक चौथाई मंत्रिमंडल पर अपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि तीन मंत्रियों पर संगीन आरोप हैं। संपत्ति की बात करें तो 25 में 76 फीसदी यानि 19 मंत्री करोड़पति हैं और औसतन एक मंत्री के पास 3.95 करोड़ की संपत्ति है।
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