कृषि कानून रद्द होंने से लेकर क्रिप्टोकरेंसी तक, संसद में इन 26 विधेयकों पर चर्चा

संसद का शीत सत्र सोमवार, 29 नवंबर से शुरू होने वाला है। सत्र करीब 1 महीने तक चलेगा और संसद की आखिरी कार्रवाई 23 दिसंबर को होगी। पीएम मोदी के 19 नवंबर को कृषि कानूनों को रद्द करने के ऐलान के साथ ही लोकसभा की कार्रवाई को लेकर चर्चा तेज़ हो गई थी। पीएम मोदी ने ऐलान किया था तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द क़रने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू होने वाली संसद कार्रवाई में पूरी कर ली जाएगी। इसके लिए सरकार ‘कृषि कानून निरस्त विधेयक, 21’ लाएगी।
इस बीच 23 नवंबर को केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को झटका देते हुए इसके नियमन से जुड़े बिल क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 का भी ऐलान कर दिया है। और अब लोगों की नज़र जल्द शुरू होने वाले सत्र पर टकी है। ग़ौरतलब है कि इन दो अहम बिलो से इतर कई क्षेत्रों से जुड़े 24 और विधेयकों को संसद में पेश किया जाएगा। पेश है इन बिलों पर एक रिपोर्टः
कृषि कानून निरस्त विधेयक, 21: सरकार की तरफ से यह बिल 23 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीत सत्र में पेश किया जाएगा। विधेयक तीन विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए लाया गया है। बिल के तहत ‘Farmers’ Produce And Commerce Act, 2020’, ‘Essential Commodity Act, 2020’ और ‘Farmers Agreement On Price Assuarnce And Farm Services Act, 2020’ को निरस्त करने का प्रस्ताव है।
क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021): क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े इस बिल को लेकर दावा किया जा रहा है कि सरकार इसके जरिए निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी के उतार-चढ़ाव से बचाना चाहती है। इस बिल के जरिए केंद्र की ऐसा प्रावधान लाने की तैयारी है जिससे निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और इसके साथ ही RBI के जरिए आधिकारिक करेंसी जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा।
बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 21 (The Banking Laws (Amendment) Bill, 2021): यह विधेयक दो सरकारी क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण से जुड़ा है। केंद्र ने 2021-22 के बजट को पेश करने के दौरान इन दो बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था। माना जा रहा है कि यह विधेयक इसलिए लाया जा रहा है।
दिवाला और दिवालियापन (दूसरा संशोधन) विधेयक, 21 (The Insolvency and Bankruptcy (Second Amendment) Bill, 2021): वित्तीय मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित यह बिल दिवालियापन यानि Bankruptcy से सख्ती से निपटने के लिए जा रहा है। दावा है कि इससे Insolvency and Bankruptcy Code, 2016 को ज़्यादा मज़बूती मिलेगी और यह ज़्यादा व्यवस्थित तरीके से काम करेगा।
'व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2021' (Trafficking of Persons (Protection Rehabilitation) Bill, 2021): इस विधेयक को भी संसद में पेश किया जाएगा। बिल का उद्देश्य महिला और बच्चों समेत मानव तस्करी को रोकना और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
सरोगेसी विनियमन (संशोधन) विधेयक 2019 (Surrogacy Regulation (Amendment) Bill 2019): यह बिल 2019 में लोकसभा में पारित हो गया था जिसके बाद बिल को राज्यसभा की एक सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा गया था। अब बिल को संसद के उच्च सदन में पेश किया जाएगा।
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण (संशोधन) विधेयक, 19 (Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens (Amendment) Bill, 2019): इस बिल को दिसंबर, 2019 में लोकसभा में पेश किया गया था। बाद में इसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता के लिए स्थायी समिति के पास भेजा गया था। बिल आगामी संसद सत्र के लिए सूचीबद्ध है।
संसद शीत सत्र में कई और बिल जैसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (संशोधन) विधेयक, 21 सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विनियमन विधेयक, 2020, बांध सुरक्षा विधेयक आदि सूचीबद्ध हैं।
इन विधेयकों के अलावा संसद सत्र के दौरान तीन अध्यादेश भी लाए जा सकते हैं। इनमें NDPS संशोधन विधेयक, 21, केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021 और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) विधेयक, 21 शामिल हैं।
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