किसानों को 'सभी तरह की समस्याएं' लेकिन 'सिस्टम' उनके प्रति संवेदनशील नहीं: बॉम्बे हाई कोर्ट

देश में किसानों को 'सभी तरह की समस्याओं’ का सामना करना पड़ रहा है लेकिन 'सिस्टम' में कोई भी उनके प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं बरतता। यह कहना है बॉम्बे हाई कोर्ट की ऑरंगाबाद बेंच का। दरअसल, कोर्ट ने यह टिपण्णी एक याचिका को ख़ारिज करते हुए की थी जिसमे दो व्यापारियों ने किसान पर धोखा देने का आरोप लगाकर उनके ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही की मांग की थी।
बेंच ने कहा, 'इस तरह के उदाहरण लगातार बढ़ रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन यह सच है कि पूरा सिस्टम किसानों के सामने आने वाली समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखा रहा । क्यूंकि किसानों के पास कोई संसाधन नहीं है इसलिए वे कानूनी प्रक्रिया में पड़ना ही नहीं चाहते।
दरअसल, खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स के मालिक एम के खंडेलवाल और उनके पिता के डी खंडेलवाल ने अपनी याचिका में किसानों पर उनके उपज की बिक्री का हिस्सा नहीं देने का आरोप लगाया। कानूनी मामलों को रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट बार एंड बेंच के मुताबिक़ किसानों ने अपनी उपज की बिक्री के लिए खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स के साथ एक समझौता किया था। समझौते में शामिल दलाल सानिया ने अदालत को बताया कि उन्होंने किसानों से उनकी फसल बेचकर भुगतान करने का वादा किया था। सानिया ने बताया फसल खरीदने वाले ट्रांसपोर्टर से उपज का भुगतान नहीं मिलने पर उन्होंने किसानों का भुगतान नहीं किया, जिसके बाद किसानों ने उन पर पैसे को लेकर दबाव डाला। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ट्रांसपोर्टर ने उन्हें सिर्फ 50 फीसदी भुगतान देने की बात कही थी। इसके बाद सानिया कादरी ने पुलिस थाने में ट्रांसपोर्टर के ख़िलाफ़ विश्वासघात और धोखाधड़ी का मुक़दमा दर्ज कराया। हालांकि खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स ने इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया कि वो ट्रांसपोर्ट का बिज़नेस करते हैं और ब्रोकर को सिर्फ ट्रक मुहैया कराया था। जबकि कोर्ट ने माना है कि ट्रांसपोर्टर ने उपज की बिक्री तो की लेकिन उसका भुगतान ब्रोकर सानिया कादरी को नहीं किया। कोर्ट ने कहा, ‘उपज की मोटी रक़म और जल्द भुगतान की बात सुनकर किसान आकर्षित हुए। किसानों ने अपनी फसल ब्रोकर को सौंप दिया और ब्रोकर ने ट्रांसपोर्टर से फसल बिक्री का सौदा किया। इसको एक साज़िश के तौर पर लिया जाना चाहिए।’ हालांकि इस मामले में किसी को सज़ा नहीं हुई है। लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स के ख़िलाफ मामले ख़त्म करने से इनकार किया है। इससे पहले एक को-ऑर्डिनेट बेंच ने ब्रोकर सानिया कादरी के ख़िलाफ़ भी मुक़दमें को ख़त्म करने से इनकार किया था। वहीं ब्रोकर के ख़िलाफ़ उनके बिज़नेस पार्टनर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। इनके अलावा एक सेशन कोर्ट ने सानिया कादरी और खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स के मालिकों को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
दरअसल, खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स के मालिक एम के खंडेलवाल और उनके पिता के डी खंडेलवाल ने अपनी याचिका में किसानों पर उनके उपज की बिक्री का हिस्सा नहीं देने का आरोप लगाया। कानूनी मामलों को रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट बार एंड बेंच के मुताबिक़ किसानों ने अपनी उपज की बिक्री के लिए खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स के साथ एक समझौता किया था। समझौते में शामिल दलाल सानिया ने अदालत को बताया कि उन्होंने किसानों से उनकी फसल बेचकर भुगतान करने का वादा किया था। सानिया ने बताया फसल खरीदने वाले ट्रांसपोर्टर से उपज का भुगतान नहीं मिलने पर उन्होंने किसानों का भुगतान नहीं किया, जिसके बाद किसानों ने उन पर पैसे को लेकर दबाव डाला। उन्होंने कोर्ट को बताया कि ट्रांसपोर्टर ने उन्हें सिर्फ 50 फीसदी भुगतान देने की बात कही थी। इसके बाद सानिया कादरी ने पुलिस थाने में ट्रांसपोर्टर के ख़िलाफ़ विश्वासघात और धोखाधड़ी का मुक़दमा दर्ज कराया। हालांकि खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स ने इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया कि वो ट्रांसपोर्ट का बिज़नेस करते हैं और ब्रोकर को सिर्फ ट्रक मुहैया कराया था। जबकि कोर्ट ने माना है कि ट्रांसपोर्टर ने उपज की बिक्री तो की लेकिन उसका भुगतान ब्रोकर सानिया कादरी को नहीं किया। कोर्ट ने कहा, ‘उपज की मोटी रक़म और जल्द भुगतान की बात सुनकर किसान आकर्षित हुए। किसानों ने अपनी फसल ब्रोकर को सौंप दिया और ब्रोकर ने ट्रांसपोर्टर से फसल बिक्री का सौदा किया। इसको एक साज़िश के तौर पर लिया जाना चाहिए।’ हालांकि इस मामले में किसी को सज़ा नहीं हुई है। लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स के ख़िलाफ मामले ख़त्म करने से इनकार किया है। इससे पहले एक को-ऑर्डिनेट बेंच ने ब्रोकर सानिया कादरी के ख़िलाफ़ भी मुक़दमें को ख़त्म करने से इनकार किया था। वहीं ब्रोकर के ख़िलाफ़ उनके बिज़नेस पार्टनर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। इनके अलावा एक सेशन कोर्ट ने सानिया कादरी और खंडेलवाल ट्रांसपोर्टर्स के मालिकों को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
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