किसान आंदोलन: जाट लैंड में बीजेपी को 40 लोकसभा सीट पर नुकसान की आशंका

by GoNews Desk 2 years ago Views 1915

मीटिंग में गृह मंत्री और पार्टी अध्यक्ष ने लोकल नेताओं को उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में सभी खाप नेताओं के संपर्क में रहने का निर्देश दिया है...

Farmers agitation: BJP fears loss in 40 Lok Sabha
हरियाणा, राजस्थान और पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसानों के महापंचायत के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने एक हाई लेवल मीटिंग की है। मंगलवार को इस मीटिंग में पार्टी के विधायक, सांसद और ज़िलास्तर के नेताओं को बुलाया गया था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैबिनेट मंत्री और जाट नेता संजीव बाल्यान भी इस मीटिंग में शामिल थे। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में कृषि क़ानूनों को लेकर किसानों के बीच फैली ‘ग़लत धारनाओं’ को दूर करने की योजना बनाई गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी नेताओं को तीनों क़ानूनों के फायदे समझाने के लिए अपना अभियान तेज़ करने का निर्देश दिया है। गृह मंत्री ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जो लोग किसानों के बीच ‘भ्रम’ फैला रहे हैं उन्हें किसानों की तरफ से ‘उचित जवाब’ मिले। 


मीटिंग में पार्टी नेताओं ने गृह मंत्री और पार्टी अध्यक्ष के सामने मौजूदा ज़मीनी हालात के बारे में विस्तार से बताया। पार्टी नेताओं ने नेतृत्व के सामने यह भी चिंता ज़ाहिर की है कि आगे अगर आंदोलन जारी रहता है, उस हालात में क्या किया जाएगा। मीटिंग के दौरान इस बात की भी चर्चा हुई कि अगर आंदोलन ऐसे ही जारी रहा तो पार्टी को 40 लोकसभा क्षेत्रों में नुकसान हो सकता है। ऐसे में भाजपा सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि आंदोलन और न फैले। 

कथित रूप से मीटिंग के दौरान पार्टी नेताओं ने कहा ‘वामपंथियों के प्रोफेश्नल आंदोलनकारी’ विरोध-प्रदर्शनों में शामिल हैं और उन्हें सख्ती से रोकने की ज़रूरत है। मीटिंग में गृह मंत्री और पार्टी अध्यक्ष ने लोकल नेताओं को उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में सभी खाप नेताओं के संपर्क में रहने का निर्देश दिया है। 

मोदी सरकार के मंत्रियों और किसानों के बीच अबतक 11 दौर में बातचीत हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। किसानों का आंदोलन  अब चीनी पट्टी यानि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में फैल चुका है। आंदोलन बीकेयू प्रवक्ता और जाट किसान नेता राकेश टिकैत की 27 जनवरी की भावुक अपील के बाद और तेज़ हुआ जिससे सरकार को ख़तरा महसूस होने लगा है।

बताया जाता है कि हाल के वर्षों में बीजेपी ने जाट समुदाय और मुसलमानों के बीच ‘फूट’ डालकर खूब राजनीति की है। इन इलाकों में अजीत सिंह की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोक दल की जाट और मुसलमानों के बीच लोकप्रियता बढ़ी है। अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी किसान आंदोलन में सक्रियता से हिस्सा ले रहे हैं और किसानों की महापंचायत में भी उन्हें मंच पर मौका मिल रहा है। ऐसे में आरएलडी की मंशा मुसलमानों और जाट समुदाय को साथ लेकर चलने की है जिससे बीजेपी की मुश्किलें बढ़ना तय है।

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