खाद्य तेलों की कीमतें 35-40 फीसदी बढ़ी, युद्ध नहीं रुका तो और बढ़ेंगी कीमतें !

by GoNews Desk 1 year ago Views 9949

Edible oil prices increased by 35-40 percent, if t
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से खाद्य तेल की कीमतों में पिछले महीने 25-40 फीसदी का उछाल आया है। अगर काला सागर क्षेत्र में युद्ध जल्द नहीं रुका तो खाद्य तेल की बढ़ती कीमतें आने वाले दिनों में नई ऊंचाई पर पहुंच सकती हैं। युद्ध की वजह से सूरजमुखी तेल, पाम तेल और सोया तेल की आपूर्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

यूक्रेन से सुरजमुखी के तेल की आपूर्ति पर दबाव बढ़ा है और सप्लाई बाधित होने की वजह से इंडोनेशिया से होने वाला आयात भी प्रभावित हुआ है जिससे पाम ऑयल की कीमतें बढ़ गई हैं। इनके अलावा दक्षिण अमेरिका में फसल नुक़सान से चिंता बढ़ी है जिससे सोयाबिन ऑयल की आपूर्ति प्रभावित हुई।


खाद्य तेलों की कीमतें सिर्फ एक महीने में 125 रूपये से बढ़कर 170-180 रूपये प्रति लीटर हो गई है। आशंका है कि मई और जून के महीने में कीमतों में और ज़्यादा उछाल आ सकता है। आने वाले समय में कीमतें और भी कारकों से प्रभावित होगी लेकिन युद्ध का असर भी देखने को मिलेगा।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और वनस्पति तेल का नंबर एक आयातक है। ​​भारत अपने खाद्य तेलों की ख़पत का लगभग 60 फीसदी आयात करता है, और पाम ऑयल खाद्य तेलों के कुल आयात का लगभग 60 फीसदी है। भारत मुख्य रूप से यूक्रेन, अर्जेंटीना और इंडोनेशिया सहित देशों से आयात करता है।

भारत में खाद्य तेल की वर्तमान खपत लगभग 22 मिलियन टन है, जिसमें से 13 मिलियन टन या लगभग 60 फीसदी आयात किया जाता है।

भारत मलेशिया, इंडोनेशिया जैसे देशों से 80 लाख टन पाम तेल का आयात करता है; अर्जेंटीना, ब्राज़ील और अमेरिका से 3.5 मिलियन टन सोयाबीन तेल और यूक्रेन, रूस और अर्जेंटीना से 2 मिलियन टन सूरजमुखी तेल का आयात करता है।

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