आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21: कोरोना महामारी में दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय घटी

कोरोना महामारी का असर दिल्लीवालों की कमाई पर देखने को मिल रहा है। दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में बीते नौ साल में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय में सालाना छह फीसदी की कमी आई है। वर्ष 2019-20 में जहां प्रति व्यक्ति आय 3.76 लाख रूपये थी, वह 2020-21 में घटकर 3.54 लाख हो गई है। हालांकि अच्छी बात यह है कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय कम होने के बावजूद यह राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1.27 लाख की तुलना में तीन गुना अधिक है।
आपको बता दें कि विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 सदन में पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में भी राज्य की आर्थिक स्थिति पर कोरोना के असर का ज़िक्र किया गया है। उसका असर राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के साथ साथ लोगों की आमदनी पर भी पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 5.68 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। हालांकि इस अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 8 फीसदी रहा है। हालांकि अगर पांच सालों की तुलना करें तो 2015-16 के मुकाबले इसमें 45 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 3,54,004 अनुमानित है। जबकि इससे एक साल पहले आंकड़ा 3,76,221 रुपये था। इस लिहाज से इसमें 5.91 प्रतिशत की गिरावट आई है। दिलचस्प यह कि नौ सालों में पहली बार हुआ है, जब दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय कम हुई है। इससे पहले के सालों में इसमें 7.70 फीसदी से लेकर 11.12 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी देखी गई थी। वहीं कोरोना के चलते सरकार की कमाई भले ही घट गई है मगर सरकार का राजस्व सरप्लस रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 2018-19 के 6261 करोड़ रूपये के मुकाबले 2019-20 में 7499 करोड़ रूपये सरप्लस है। वहीं वित्तीय घाटा ज़रूर बढ़ा है। 2018-19 में दिल्ली सरकार का वित्तीय घाटा 1489.38 करोड़ रूपये था जो कि 2019-20 में बढ़कर 3227.79 करोड़ रूपये हो गया है। वैसे आपको बता दें कि दिल्ली में एक तरफ़ प्रति व्यक्ति आय घट रही है तो वही दूसरी तरफ़ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि, “सरकार दिल्ली के लोगों के जीवन स्तर और उनकी प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। 2047 तक सिंगापुर के प्रति व्यक्ति की आय के बराबर करने का लक्ष्य है। करीब 16 गुना वृद्धि करनी होगी, मुश्किल लक्ष्य है लेकिन हम पूरा करेंगे।” अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या दिल्ली सरकार का ‘देश भक्ति बजट’ इस लक्ष्य को हासिल करने की तरफ़ बढ़ पाएगा?
आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 3,54,004 अनुमानित है। जबकि इससे एक साल पहले आंकड़ा 3,76,221 रुपये था। इस लिहाज से इसमें 5.91 प्रतिशत की गिरावट आई है। दिलचस्प यह कि नौ सालों में पहली बार हुआ है, जब दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय कम हुई है। इससे पहले के सालों में इसमें 7.70 फीसदी से लेकर 11.12 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी देखी गई थी। वहीं कोरोना के चलते सरकार की कमाई भले ही घट गई है मगर सरकार का राजस्व सरप्लस रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक 2018-19 के 6261 करोड़ रूपये के मुकाबले 2019-20 में 7499 करोड़ रूपये सरप्लस है। वहीं वित्तीय घाटा ज़रूर बढ़ा है। 2018-19 में दिल्ली सरकार का वित्तीय घाटा 1489.38 करोड़ रूपये था जो कि 2019-20 में बढ़कर 3227.79 करोड़ रूपये हो गया है। वैसे आपको बता दें कि दिल्ली में एक तरफ़ प्रति व्यक्ति आय घट रही है तो वही दूसरी तरफ़ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि, “सरकार दिल्ली के लोगों के जीवन स्तर और उनकी प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। 2047 तक सिंगापुर के प्रति व्यक्ति की आय के बराबर करने का लक्ष्य है। करीब 16 गुना वृद्धि करनी होगी, मुश्किल लक्ष्य है लेकिन हम पूरा करेंगे।” अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या दिल्ली सरकार का ‘देश भक्ति बजट’ इस लक्ष्य को हासिल करने की तरफ़ बढ़ पाएगा?
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