‘एलजी ने बदला नियम, अब कोरोना जांच कराने से भागेंगे दिल्लीवाले’

दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने कोरोना मरीज़ों के लिए नियम में बदलाव कर दिया है. नए नियम के मुताबिक अब सभी कोरोना मरीज़ों को पांच दिनों के लिए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन में रखा जाएगा. आम आदमी पार्टी ने इस फैसले को मनमाना क़रार देते हुए कहा कि इससे मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्ढा ने कहा, ‘मेरी विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने कहा है कि वे कोरोना की जांच नहीं कराएंगे. उन्हें डर है कि रिपोर्ट पॉज़िटिव आने पर उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में डाल दिया जाएगा.’
राघव चड्ढा ने यह भी पूछा कि मौजूदा हालात में 30 जून तक दिल्ली में 15,000 बेड्स की ज़रूरत होगी लेकिन एलजी के फैसले के बाद 30 जून तक अस्पतालों में 90,000 बेड्स की ज़रूरत पड़ने वाली है. हमें 90,000 बेड्स कहां से मिलेंगे?’
राघव चड्ढा ने यह भी पूछा कि मौजूदा हालात में 30 जून तक दिल्ली में 15,000 बेड्स की ज़रूरत होगी लेकिन एलजी के फैसले के बाद 30 जून तक अस्पतालों में 90,000 बेड्स की ज़रूरत पड़ने वाली है. हमें 90,000 बेड्स कहां से मिलेंगे?’
दिल्ली सरकार ने कहा है कि 8 मई से अबतक पांच हज़ार कोरोना मरीज़ अपने घरों में रहकर ठीक हो चुके हैं. अभी भी बिना लक्षण और हलके लक्षण वाले 8,500 मरीज़ होम आइसोलेशन में हैं और इस व्यवस्था से दिल्ली के अस्पतालों पर भार कम पड़ रहा है. दिल्ली में कोरोना मरीज़ों की संख्या 53 हज़ार के पार पहुंच चुकी है और स्वास्थ्य का ढांचा बुरी तरह चरमरा चुका है. दिल्ली सरकार का आरोप है कि एलजी अनिल बैजल का फरमान स्वास्थ्य के ढांचे को तहस-नहस कर देगा.As per yesterday's order, all #COVID19 patients, symptomatic or asymptomatic, will be kept in quarantine centres for 5 days. People from my constituency have told me that they won't get themselves tested for fear of being whisked away to quarantine centres: AAP MLA Raghav Chadha pic.twitter.com/6JHQCuXqSj
— ANI (@ANI) June 20, 2020
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