15 साल के उच्च स्तर पर कच्चे तेल के दाम; भारत में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें बढ़ेंगी !

by GoNews Desk Edited by M. Nuruddin 1 year ago Views 1944

Crude oil prices at 15-year high; Petrol and diese
वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बाद आशंका जताई जा रही है कि देश में पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ सकते हैं। तेल की कीमतों में यह बढ़ोत्तरी रूस-यूक्रेन के बीच 12 दिनों से जारी युद्ध की वजह से हो रही है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से अबतक कच्चे तेल के दाम में 34 डॉलर की बढ़ोत्तरी हो गई है।

सोमवार को वैश्विक बाज़ार में तेल की कीमतें 126 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। आशंका है कि आने वाले दिनों में दाम और ज़्यादा बढ़ सकते हैं जिसका सीधा असर भारत में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों पर पड़ना तय है।


माना जा रहा है रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की वजह से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीज़ल के दाम नहीं बढ़ा रही थी। चार राज्यों के चुनाव समाप्त हो गए हैं और उत्तर प्रदेश चुनाव के आख़िरी चरण का मतदान जारी है। इसके बाद कंपनियां अपनी संशोधित कीमतें लागू कर सकती है।

अगर आंकड़े देखें तो अब भी जबकि तेल कंपनियों की संशोधित कीमतें आना बाकी है, भारतीय पेट्रोल-डीज़ल महंगे दाम पर खरीद रहे हैं।

मसलन साल 2008 में जब वैश्विक बाज़ार में कच्चे के दाम 135 डॉलर प्रति बैरल थे, तब राजधानी दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 45.56 रूपये थी और मुंबई में पेट्रोल की कीमत 50.54 रूपये प्रति लीटर थी। वहीं दिल्ली में डीज़ल के दाम 31.8 रूपये प्रति लीटर और मुंबई में 36.12 रूपये प्रति लीटर थी।

अब जबकि वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल के दाम 2008 के मुक़ाबले कम है लेकिन भारतीय पेट्रोल-डीज़ल के लिए ज़्यादा कीमतें चुका रहे हैं। मसलन रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक बाज़ार में तेल की कीमत 125 डॉलर प्रति बैरल है, भारत में पेट्रोल-डीज़ल महंगी कीमतों पर बिक रहा है।

राजधानी दिल्ली में 7 मार्च को पेट्रोल 95.41 रूपये प्रति लीटर और मुंबई में 109.98 रूपये प्रति लीटर है। वहीं दिल्ली में एक लीटर डीज़ल के दाम 86.67 रूपये प्रति लीटर और मुंबई में डीज़ल 94.14 रूपये प्रति लीटर बिक रहा है।

सोमवार सुबह 76.96 को छूने के बाद रुपया लगभग एक फीसदी कमजोर होकर 76.92 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था, जो अब तक का सबसे कमजोर स्तर है। शुक्रवार को, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मुद्रा 76.17 पर बंद हुई, जो 15 दिसंबर, 2021 के बाद से इसका सबसे निचला स्तर रहा।

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