गुजरात सरकार के बदलते बयान: 10 हज़ार अतिरिक्त कोविड मौतें, 20 हज़ार को मुआवज़ा !

by M. Nuruddin 1 year ago Views 1756

इससे ज़ाहिर होता है कि गुजरात सरकार ने राज्य में संक्रमण से हुई मौतों को सच में कम करके बताया है...

Changing statement of Gujarat govt: 10000 addition
कोरोना संक्रमण से कितने लोग मारे गए, यह सवाल शुरु से ही विवादों में रहा है। सुप्रीम कोर्ट में गुजरात कोविड मुआवज़े मामले पर सुनवाई चल रही है जहां राज्य की सरकार आए दिन मौतों पर नए आंकड़े पेश कर रही है।

यह आंकड़े तब सामने आ रहे हैं जब मारे गए लोगों के परिवार मुआवज़े के लिए बड़ी संख्या में आवेदन कर रहे हैं, जो दर्शाता है कि सरकार ने किस तरह संक्रमण से मरने वालों की संख्या के साथ खिलवाड़ किया।


आधिकारिक मौतें कम लेकिन ज़्यादा को मुआवज़ा !

गुजरात के एक लोकल अख़बार में 11 दिसंबर को ख़बर छपी है कि राज्य में कोरोना से मरने वालों की आधिकारिक संख्या 10,092 है लेकिन 17,800 परिवारों को मुआवज़ा दिया गया है, जबकि सहायता राशी के लिए 43,000 आवेदन आए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक़ अहमदाबाद में आधिकारिक तौर पर 3,411 मौतें हुई है लेकिन मुआवज़े के लिए इससे तीन गुना ज़्यादा आवेदन आए हैं।

इसी तरह वाडोदरा में मौतों का आधिकारिक आंकड़ा 788 है लेकिन मुआवज़े के लिए 15,00 से ज़्यादा सहायता राशी का भुगतान किया गया है। कोरोना से मरने वालों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने 50 हज़ार रूपये मुआवज़ा देने का ऐलान किया था।

रिपोर्ट में बताया गया है कि राजकोट में आधिकारिक तौर पर 726 मौतें हुई है लेकिन मुआवज़े के लिए 5,100 आवेदन आए हैं जिनमें 2,075 परिवारों को 50 हज़ार रूपये की मुआवज़ा राशी दी जा चुकी है। जबकि सूरत में आधिकारिक मौतें 1,957 है और इससे दोगुने से भी ज़्यादा परिवारों ने मुआवज़े के लिए आवेदन किया है जिनमें 1,731 परिवारों को ही मुआवज़ा राशी दी गई है।

गुजरात सरकार के बदलते बयान !

TOI की ही 8 दिसंबर की रिपोर्ट के मुताबिक़ गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुआवज़े के लिए 12,718 आवेदन आए जिनमें 6,515 परिवारों को राशी का भुगतान किया गया था। साथ ही “मॉडल राज्य” की सरकार ने 2,623 अतिरिक्त मौतों की बात क़बूल की थी।

जबकि एनडीटीवी की 13 दिसंबर की रिपोर्ट के मुताबिक़ गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कोरोना से 10 हज़ार अतिरिक्त मौतें स्वीकार किए हैं। इसके साथ ही बताया गया है कि राज्य सरकार ने करीब 20 ह़जार (19,964) परिवारों को 50 हज़ार रूपये के मुआवज़ा राशी का भुगतान किया है।

सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। इसी बेंच के जस्टिस एमआर शाह ने राज्य सरकार को “अख़बारों, दूर्दर्शन और लोकल टीवी चैनल पर 50 हज़ार रूपये के मुआवज़ा राशी के लिए विज्ञापन” देने का आदेश भी दिया है।

वैश्विक मीडिया आउटलेट अलजज़ीरा ने भी गुजरात सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए जवाब पर रिपोर्ट की है। गुजरात कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोशी ने बताया कि "हम शुरू से ही कह रहे हैं कि गुजरात सरकार कोविड मामलों और मौतों को कम करके बता रही है।" कांग्रेस के सर्वेक्षण के मुताबिक़ राज्य में कोविड से 55,000 मौतें हुई है।

हालांकि गोन्यूज़ इन आंकड़ों का सत्यापन नहीं करता लेकिन जिस हिसाब से राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट में बयान बदल रहे हैं और लोकल मीडिया में मौतों और मुआवज़े को लेकर ख़बरें छप रही हैं, इससे ज़ाहिर होता है कि गुजरात सरकार ने राज्य में संक्रमण से हुई मौतों को सच में कम करके बताया है।

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