भारत में कोविड वैक्सीनेशन की ‘सेंचुरी’ लेकिन सिर्फ 31% योग्य आबादी पूर्ण टीकाकृत

भारत ने गुरूवार को सुबह 100 करोड़ वैक्सीनेशन के आंकड़े को पार कर लिया है। इसे देश में मील के पत्थर की तरह देखा जा रहा है। पीएम मोदी, केंद्रिय गृह मंत्री अमितशाह समेत राजनेताओं ने देश को 100 करोड़ वैक्सीनेशन पूरे होने पर बधाई दी।
देश में 100 वैक्सीनेशन पूरे
केंद्र 100 करोड़ के वैक्सीनेशन को ‘वैक्सीन सेंचुरी’ के रूप में मना रही है वहीं इस का जश्न मनाने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। आधिकारिक आंकडों के मुताबिक 100 करोड़ वैक्सीनेशन के साथ ही देश में 75 फीसदी योग्य आबादी को कम से कम एक कोविड का टीका दिया जा चुका है।
इन पांच राज्यों में सबसे ज़्यादा टीकाकरण
केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरूवार को अपने ट्विटर पर जानकारी दी कि भारत में सुबह 9.48 मिनट तक 14,66,707 टीकाकरण किए गए हैं। राज्य स्तर पर बात करें तो उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा कोरोना रोधी टीकों की खुराक दी गई है जबकि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात और मध्य प्रदेश भी सबसे ज़्यादा कोविड की खुराक देने वाले पांच राज्यों की सूची में है।
इन राज्यों में क्रमशः 12.8 करोड़, 9.2 करोड़, 6.8 करोड़, 6.7 करोड़ और 6.6 करोड़ से ज़्यादा कोरोना रोधी टीकों की खुराक दी गई है। देश में टीकाकरण की शुरूआत 16 जनवरी, 2021 से देश में उत्पादित होने वाली कोवैक्सीन और कोविशील्ड से हुई थी।
76 दिनों में लगाए गए 100 करोड़ टीके
भारत में 10 करोड़ वैक्सीनेशन पूरा होने में 86 दिनों का समय लगा था, जिसे की दुनिया में दूसरे देशों में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान के मुकाबले काफी धीरा बताया गया था हालांकि इसके बाद टीकाकरण अभियान ने रफ्तार पकड़ी और देश को और 10 करोड़ टीकाकरण करने में 45 दिनों का वक्त लगा।
इसके बाद भारत में 29 दिनों में 30 करोड़, 24 दिनों में 40 करोड़ और अगले 20 दिनों के अदंर 50 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका था जबकि अगले 50 करोड़ टीकाकरण में 76 दिनों का समय लगा। इस दौरान भारत के ड्रग नियामक ने स्वदेशी वैक्सीन के अलावा अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन और रूस की स्पूतनिक वी को मंज़ूरी दी। देश में टीकाकरण अभियान स्वास्थ्य कर्मचारियों के वैक्सीनेशन के साथ शुरू हुआ था।
फिर 2 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स, 1 मार्च से 60 साल से ज्यादा, 1 अप्रैल से 45 साल से ज़्यादा और 1 मई से पूरी व्यस्क आबादी का टीकाकरण किया जाने लगा जबकि अब भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन को बच्चों के टीकाकरण की भी मंज़ूरी मिल सकती है।
सिर्फ 31% योग्य आबादी पूर्ण टीकाकृत
भारत जैसे बड़ी जनसंख्या वाले देश, जहां दूर दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवा नहीं पहुंच पाती, वहां तक कोविड वैक्सीन को पहुंचाना एक उपलब्धि है लेकिन फिर भी जानकारों का मानना है कि अगर भारत कोविड की तीसरी संक्रमण को रोकने का लक्ष्य ले कर चल रहा है तो इसे 31 दिसंबर 2021 तक देश की 60 फीसदी योग्य आबादी को कोरोना टीकों की दोनों देनी होगी जबकि आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 31 फीसदी आबादी ही अब तक कोरोना के खिलाफ दोनों टीके प्राप्त कर पाई है।
टीकाकरण लक्ष्य पाने में हो सकती है परेशानी
ऐसे में माना जा रहा है कि बची हुई आबादी का टीकाकरण करने में सरकार को मुश्किल पेश आ सकती है। आंकड़ों का विश्लेषण करें तो 60 फीसदी के टीकाकरण के लिए भारत में रोज औसतन 1.5 करोड़ लोगों का टीकाकऱण ज़रूरी है जबकि सात दिनों का औसत देखें तो भारत में रोज 37 लाख टीकाकरण किए जा रहे हैं।
देश में टीकाकरण में बड़ी असमानता भी देखने को मिल रही है। जैसा कि बताया गया कि भारत में 75 प्रतिशत लोगों को कोरोना टीके की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है लेकिन सिर्फ 31 फीसदी आबादी ही कोविड के दोनों टीके ले पाई है। इसके अलावा रोज लगाए जा रहे टीकों की संख्या में भी बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। उदाहरण के लिए देश में 17 सितंबर को 2.5 लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया जबकि इसके एक दिन बाद ही यह आंकड़ा गिर कर 85 लाख पर पहुंच गया।
17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी का 71वां जन्मदिन था और इसी दिन देश में रिकॉर्ड टीकाकरण हुए। स्क्रॉल की एक रिपोर्ट के मुताबिक 21 जून को देश में 90 करोड़ से ज़्यादा टीकाकरण किए गए थे जबकि अगले दिन सिर्फ 54.22 लाख कोविड टीके दिए गए। ऐसे में ज़ाहिर है कि देश में टीकाकरण में स्थिरता की ज़रूरत है साथ ही टीकाकरण लक्ष्य पूरा करने के लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ानी होगी।
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