“कैपिटल ऑफ साइबर क्राइम” उत्तर प्रदेश; 34 फीसदी आबादी के पास इंटरनेट कनेक्शन

उत्तर प्रदेश कैपिटल ऑफ साइबर क्राइम बन गया है। गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले नेश्नल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अपनी नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। रिपोर्ट में 2020 में हुए अपराध और घटनाओं की जानकारी दी गई है और इस दौरान देश महामारी की चपेट में था। देशभर में “सख़्त लॉकडाउन” की वजह से लोगों का काम-धंधा सब चौपट हो गया था। ऐसे में साइबर क्राइम के ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2020 के दौरान साइबर अपराध के सबसे ज़्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं। यह देशभर में साइबर क्राइम के कुल मामलों 50,035 का 22 फीसदी से भी ज़्यादा है।
इतना ही नहीं यूपी में साल 2019 के मुकाबले साल 2020 में साइबर क्राइम के मामलों में इज़ाफा भी हुआ है। वहां 2020 में 11,097 साइबर क्राइम के केस देखे गए जबकि 2020 में यह बढ़ गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भी साइबर क्राइम के मामले 44,735 से बढ़कर 50,035 हो गए।
2020 में सबसे ज़्यादा साइबर क्राइम के मामले में कर्नाटक यूपी से पीछे है जबकि 2019 में वहां सबसे ज़्यादा ऐसे मामले दर्ज किए गए थे। नई रिपोर्ट के मुताबिक़ साइबर क्राइम के कर्नाटक 10,741 मामलों के साथ दूसरे, महाराष्ट्र 5,496 मामलों के साथ तीसरे, तेलंगाना 5,024 मामलों के साथ चौथे और असम 3,530 मामलों के साथ पांचवे नंबर पर रहा।
जबकि साइबर क्राइम रेट के मामले में कर्नाटक पहले स्थान पर है। कर्नाटक में यह दर 16.2 फीसदी थी। राष्ट्रीय स्तर पर यह दर 3.3 फीसदी से बढ़कर 3.7 फीसदी हो गई है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के पिछले आंकड़े उठा कर देखें तो पता चलेगा कि इंटरनेट तक पहुंच और इंटरनेट सब्सक्राइबर के मामले में उत्तर प्रदेश काफी पीछे है। द हिन्दु की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रत्येक 100 लोगों में से सिर्फ 34 लोग ही इंटरनेट सब्सक्राइबर थे यानि इतने लोगों के पास इंटरनेट कनेक्शन था, जबकि इंटरनेट पेनेट्रेशन यानि इंटरनेट पहुंच के मामले में भी राज्य की हालत काफी खराब थी। यह उन पांच राज्यों में से था जहां लोगों की नेट तक पहुंच काफी कम थी।
स्टेटिस्टा के 2019 के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से लेकर नवंबर तक यूपी की सिर्फ 34 फीसदी आबादी इंटरनेट तक पहुंच बना पाई थी। यह आंकड़े ऐसे समय के हैं जब खुद सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट को मौलिक अधिकार माना है।
राजधानी दिल्ली की हालत इंटरनेट एक्सेस के मामले में काफी अच्छी है वहां साइबर क्राइम के मामले भी मामुली है। दिल्ली में 2020 में 168 साइबर क्राइम के मामले सामने आए थे। 2019 में यहां प्रति 100 लोगों पर 106 इंटरनेट सब्सक्राइबर थे। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ लोगों के पास एक से अधिक कनेक्शन थे। इंटरनेट एक्सेस के मामले में भी दिल्ली सबसे आगे है। आंकड़ों के मुताबिक यहां 68 फीसदी लोगों की इंटरनेट तक पहुंच है।
एनजीओ ऑक्सफैम इंडिया के किए गए एक सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश उन पांच राज्यों में से एक था जहां 80 फीसदी अभिभावकों ने माना था कि लॉकडाउन के दौरान सरकारी स्कूलों में बच्चों को कोई ऑनलाइन शिक्षा नहीं दी गई। इस सिनेरियो को देख कर कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश साइबर क्राइम की राजधानी बनता जा रहा है लेकिन लोग इंटरनेट का इस्तेमाल शिक्षा जैसे मुलभूत कामों के लिए भी नहीं कर पा रहे हैं।
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