Budget 2022: किसानों के लंबे आंदोलन के बाद भी केन्द्र ने की MSP बजट में कटौती !

तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने के बाद किसान संगठनों और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले किसानों की मांग के बावजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसपी आवंटन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में आवंटन पिछले बजट के 2.42 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 2.37 लाख करोड़ रुपये कर दिया है जो 2 फीसदी की कटौती है।
खाद्य सब्सिडी पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा: “रबी सीजन 2021-22 में गेहूं की खरीद और खरीफ सीजन 2021-22 में धान की अनुमानित खरीद में 163 लाख किसानों से 1,208 लाख मीट्रिक टन गेहूं और धान की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रूपये दिए गए हैं। इस राशी से किसानों के खाते में उनकी खरीद पर एमएसपी का सीधा फायदा पहुंचाया जाएगा।"
हालांकि एमएसपी आवंटन पूर्व महामारी के स्तर से ज़्यादा है, यह आवंटन वास्तव में पिछले साल की तुलना में 2 फीसदी कम है। जबकि साल 2019-20 में खाद्य सब्सिडी के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। 2020-21 के बजट अनुमान में आवंटन बढ़ाकर 1.15 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था। हालांकि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के बाद सरकार ने संशोधित अनुमानों में आवंटन को बढ़ाकर 4.22 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। साल 2021-22 में सरकार ने खाद्यान्न की खरीद पर 2.42 लाख करोड़ रुपये खर्च किए। वित्त मंत्री के मुताबिक इस साल आवंटन को घटाकर 2.37 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। एक साल के लंबे आंदोलन और दिल्ली की सीमाओं को किसानों द्वारा घेरने के बाद, सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया था। लेकिन उनकी धान, गेहूं और गन्ना जैसी उनकी उपज के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस की मांग थी। एमएसपी आवंटन में यह कमी उन किसानों की उम्मीदों के लिए झटका होगी, जिन्होंने अपने आंदोलन के दौरान लगभग 700 किसानों की मौत हो गई थी। ग़ौरतलब है कि सरकार ने यह कदम उन राज्यों- पंजाब, उत्तर प्रदेश में चुनाव के बीच उठाया है।
हालांकि एमएसपी आवंटन पूर्व महामारी के स्तर से ज़्यादा है, यह आवंटन वास्तव में पिछले साल की तुलना में 2 फीसदी कम है। जबकि साल 2019-20 में खाद्य सब्सिडी के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। 2020-21 के बजट अनुमान में आवंटन बढ़ाकर 1.15 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था। हालांकि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के बाद सरकार ने संशोधित अनुमानों में आवंटन को बढ़ाकर 4.22 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। साल 2021-22 में सरकार ने खाद्यान्न की खरीद पर 2.42 लाख करोड़ रुपये खर्च किए। वित्त मंत्री के मुताबिक इस साल आवंटन को घटाकर 2.37 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। एक साल के लंबे आंदोलन और दिल्ली की सीमाओं को किसानों द्वारा घेरने के बाद, सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया था। लेकिन उनकी धान, गेहूं और गन्ना जैसी उनकी उपज के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस की मांग थी। एमएसपी आवंटन में यह कमी उन किसानों की उम्मीदों के लिए झटका होगी, जिन्होंने अपने आंदोलन के दौरान लगभग 700 किसानों की मौत हो गई थी। ग़ौरतलब है कि सरकार ने यह कदम उन राज्यों- पंजाब, उत्तर प्रदेश में चुनाव के बीच उठाया है।
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