कृषि सब्सिडी के आवंटन में कटौती; किसान फिर आंदोलन करेंगे ?

by GoNews Desk Edited by M. Nuruddin 1 year ago Views 2175

budget cuts for agriculture subsidies; Will farmer
उत्तर भारतीय राज्यों के किसानों के एक बड़े आंदोलन के बाद, केन्द्र सरकार को विवादास्पद तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने पर मज़बूर होना पड़ा, लेकिन अब सरकार ने उन्हें सबक सिखाने के लिए बड़े पैमान पर सब्सिडी को कम करने का फैसला किया है।

बजट दस्तावेज़ से पता चलता है कि पिछले साल के संशोधित अनुमानों की तुलना में, फर्टिलाइज़र सब्सिडी में 24 फीसदी की कटौती की गई है, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कृषि उपज की ख़रीद के लिए दी जाने वाली खाद्य सब्सिडी में 27.7 फीसदी की कटौती की गई है और पेट्रोलियम सब्सिडी जिसका इस्तेमाल डीज़ल की ख़रीद पर किसानों के मदद के लिए किया जाता है, उसका बजट सरकार ने 10.8 फीसदी घटा दिया है।


महामारी के बावजूद कृषि क्षेत्र ने जीडीपी में 3.9 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की और यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र हैं जिसके ग्रोथ में बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि बाकि क्षेत्रों में महामारी के दौरान नेगेटिव ग्रोथ रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में किसानों को "कड़ी मेहनत करने वाले" बताया गया था, कृषि क्षेत्र को लेकर उनके नए आवंटन से किसान समुदाय नाराज़ हो सकता है जो दिल्ली की सीमाओं पर अपना आंदोलन ख़त्म करने के बाद भी अपनी मांगों की लड़ाई लड़ रहा है।

किसानों के सबसे बड़े संघ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार एमएसपी के लिए क़ानूनी ढांचा नहीं लाती है, तो वे फिर से सड़कों पर उतर सकते हैं, अब वे एमएसपी आवंटन में कटौती को अपने आंदोलन के लिए एक रेड अलर्ट के रूप में देख सकते हैं।

बजट के काग़जात पर ग़ौर करने से पता चलता है कि 2020-21 में जब भारत में महामारी आई थी, तब सरकार ने खाद्य सब्सिडी पर 5.41 लाख करोड़ रुपये, फर्टिलाइज़र सब्सिडी पर 1.27 लाख करोड़ रुपये और पेट्रोलियम सब्सिडी पर 38,455 करोड़ रुपये खर्च किए थे। बजट 2021-22 के अनुमानों में तीनों को बड़े पैमाने पर कम किया गया था लेकिन अंत में आंकड़ों में संशोधन किया गया था।

लेकिन आज पेश किए गए बजट में पिछले साल के अनुमानों की तुलना में सभी तीन प्रमुख सब्सिडी के लिए कम आवंटन का अनुमान लगाया गया है। (वित्त मंत्री ने अपने भाषण में एमएसपी खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये का एक आंकड़ा पेश किया जो इस बजट दस्तावेज़ में नहीं दिखाई पड़ता है)

हालांकि प्रस्तावों में कृषि और इससे जुड़े अन्य गतिविधियों के लिए बजट में 2.7 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है, लेकिन 3,757 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ आवंटन अकेले खाद्य सब्सिडी पर किसानों को जो नुकसान हो रहा है, उसकी तुलना में कम है- जो कि 79,638 करोड़ रुपये है।

गो न्यूज ने पहले बताया था कि वित्त मंत्री को कृषि सब्सिडी बिल पर एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सरकार ने अब बंद हो चुके फार्म बिलों को पेश करने की तैयारी में भारतीय खाद्य निगम के कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया था। परिवहन क्षेत्र के आवंटन में की गई बढ़ोत्तरी में कुल 1,15,242 करोड़ रुपये की सब्सिडी कटौती देखी जा सकती है।

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