अजय मिश्र टेनी UP में बीजेपी के स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं, योगी आठवें स्थान पर

उत्तर प्रदेश बीजेपी ने 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में सबसे ऊपर नरेंद्र मोदी का नाम है। उसके बाद जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी भी स्टार प्रचारकों में शामिल हैं। स्टार प्रचारकों की लिस्ट में योगी आदित्यनाथ को आठवें स्थान पर जगह मिली है।
हालांकि बीजेपी ने अजय मिश्र टेनी को स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल नहीं किया है। अजय मिश्र टेनी भारतीय गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। मंत्री के बेटे आशिष मिश्र पर किसानों की सुनियोजित हत्या का आरोप है। उत्तर प्रदेश एसआईटी ने खुद अपनी रिपोर्ट में इस बात का ज़िक्र किया है कि किसानों के ऊपर सोची-समझी साज़िश के तहत थार चढ़ाई गई थी जिससे चार किसानों की मौत हो गई।
इसके बाद भड़की हिंसा में तीन बीजेपी के कार्यकर्ता और एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी। अजय मिश्र टेनी को किसानों ने मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्त करने की मांग की लेकिन केन्द्र सरकार ने किसानों की एक नहीं सुनी। आपको बता दें लखीमपुर खिरी में किसान अजय मिश्र टेनी का ही विरोध करने पहुंचे थे। किसानों का आरोप था कि अजय मिश्र टेनी ने किसानों की धमकी दी और दिल्ली की सीमाएं खाली करने को कहा था। अजय मिश्र टेनी ने 26 सितंबर 2021 को किसानों को धमकी भरे लहज़े में कहा था, “सुधर जाओ वरना हम दो मिनट मे सुधार देंगे।” इसी के विरोध में लखीमपुर पहुंचे किसानों की वापसी के दौरान अजय मिश्र के बेटे आशिष मिश्र के क़ाफिले ने पीछे से थार चढ़ा दी थी और बाद में चार किसानों के मारे जाने की ख़बर आई। तमाम विरोधों और बरख़ास्तगी की मांग के बावजूद अजय मिश्र टेनी बाद में पत्रकारों को भी धमकाते नज़र आए। अपने संसदीय क्षेत्र लखीमपुर के ही दौरे पर मध्य दिसंबर में अजय मिश्र से उनके बेटे आशीष मिश्र के बारे में पूछे जाने पर वो पत्रकार को मारने के लिए दौड़े और फोन छीनने की कोशिश की थी। कथित तौर पर मंत्री ने पत्रकारों को गाली भी दी थी। बाद में घटना की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उनकी काफी आलोचना भी हुई। इस घटना के बाद अजय मिश्र पर कार्रवाई की मांग और तेज़ हुई लेकिन केन्द्र सरकार ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की और वो मंत्रिमंडल में बरक़रार हैं।
इसके बाद भड़की हिंसा में तीन बीजेपी के कार्यकर्ता और एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी। अजय मिश्र टेनी को किसानों ने मंत्रिमंडल से बर्ख़ास्त करने की मांग की लेकिन केन्द्र सरकार ने किसानों की एक नहीं सुनी। आपको बता दें लखीमपुर खिरी में किसान अजय मिश्र टेनी का ही विरोध करने पहुंचे थे। किसानों का आरोप था कि अजय मिश्र टेनी ने किसानों की धमकी दी और दिल्ली की सीमाएं खाली करने को कहा था। अजय मिश्र टेनी ने 26 सितंबर 2021 को किसानों को धमकी भरे लहज़े में कहा था, “सुधर जाओ वरना हम दो मिनट मे सुधार देंगे।” इसी के विरोध में लखीमपुर पहुंचे किसानों की वापसी के दौरान अजय मिश्र के बेटे आशिष मिश्र के क़ाफिले ने पीछे से थार चढ़ा दी थी और बाद में चार किसानों के मारे जाने की ख़बर आई। तमाम विरोधों और बरख़ास्तगी की मांग के बावजूद अजय मिश्र टेनी बाद में पत्रकारों को भी धमकाते नज़र आए। अपने संसदीय क्षेत्र लखीमपुर के ही दौरे पर मध्य दिसंबर में अजय मिश्र से उनके बेटे आशीष मिश्र के बारे में पूछे जाने पर वो पत्रकार को मारने के लिए दौड़े और फोन छीनने की कोशिश की थी। कथित तौर पर मंत्री ने पत्रकारों को गाली भी दी थी। बाद में घटना की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उनकी काफी आलोचना भी हुई। इस घटना के बाद अजय मिश्र पर कार्रवाई की मांग और तेज़ हुई लेकिन केन्द्र सरकार ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की और वो मंत्रिमंडल में बरक़रार हैं।
ग़ौरतलब है कि अजय मिश्र टेनी एक ब्राम्हण नेता हैं और जानकार मानते हैं कि चुनाव की वजह से टेनी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उत्तर प्रदेश में 10 फीसदी ब्राम्हण वोट हैं और इसी के छिटकने के डर से केन्द्र (आलाकमान) मंत्री पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। उत्तर प्रदेश में जातियों का अंकगणित ! राजनीतिक दलों के आकलन के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश में मोटे तौर पर 25-27% सामान्य जातियां (10% ब्राह्मण और 7% ठाकुर शामिल), 39% -40% ओबीसी (7-9% यादव और 4% निषाद शामिल) है। लगभग 20% एससी और एसटी (10% जाटव शामिल), और 16-19% मुस्लिम आबादी है। जातियों का यह विभाजन एक अनुमान है क्योंकि देश में जाति जनगणना नहीं हुई है।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए भाजपा के प्रमुख नेताओं की सूची... pic.twitter.com/CAy5RrboHW
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) January 19, 2022
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