सिर्फ दिल्ली नहीं पूरे उत्तर भारत की समस्या है वायु प्रदूषण

सर्दी आते ही देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके मानो गैस चैम्बर में तब्दील हो जाते है। हवा ज़हरीली हो जाती है और आसमान पर धुंए और धुंध की चादर छा जाती है। लेकिन बीते कई दिनों से दिल्ली के अलावा दूसरे राज्यों में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।
मसलन शुक्रवार की सुबह दिल्ली से ज्यादा प्रदूषण उत्तर प्रदेश के कई शहरों में दर्ज किया गया । यूपी के बाद सबसे ज्यादा प्रदूषण दिल्ली, फिर हरियाणा और आखिर में पंजाब में दर्ज किया गया। सबसे पहले बात यूपी की जहाँ शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद ख़राब श्रेणी में रहा।
सेंट्रल पोलुशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक 6 नवंबर सुबह 10 बजे तक सबसे ज्यादा बुरे हालत उत्तर प्रदेश के कई शहरों के रहे। यूपी के मुरादाबाद में PM 2. 5 का स्तर सबसे ज्यादा 475 रहा, लखनऊ में 465, मेरठ में 452, कानपुर में 440, गाज़ियाबाद में 438, ग्रेटर नोएडा में 418, आगरा में 403, बुलंदशहर में 400 और नोएडा में PM 2. 5 का स्तर 392 रहा। यूपी के बाद दिल्ली के अधिकांश इलाके बेहद ख़राब श्रेणी में दर्ज किये गए। दिल्ली के आईटीओ में PM 2.5 का स्तर सबसे ज्यादा 450 रहा, बवाना में 430, रोहिणी में 426, मुंडका में 423, वज़ीरपुर में 420 जबकि आनंद विहार में PM 2.5 का स्तर 419 रहा। दिल्ली के बाद ऐसे कुछ हालत हरियाणा के भी रहे। हरियाणा में में PM 2.5 का स्तर सबसे ज्यादा फतेहबाद में 450 रहा, फिर गुरुग्राम में 438, फ़रीदाबाद में 415, जींद में 411, कैथल में 380 और भिवंडी में PM 2. 5 का स्तर 375 रहा। कहा जाता है कि पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है लेकिन उसके बावजूद भी यूपी, दिल्ली और हरियाणा की तुलना में पंजाब काफी कम प्रदूषण रहा। इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पंजाब के किसी भी शहर में प्रदूषण का स्तर ख़राब श्रेणी में नहीं रहा। पंजाब के पटियाला में PM 2.5 का स्तर सबसे ज्यादा 276 रहा, फिर जालंधर में 236, अमृतसर में 232, लुधियाना में 231, भटिंडा में 181 जबकि राजधानी चंडीगढ़ में PM 2.5 का स्तर राज्य में सबसे कम 128 रहा। यह आंकड़े साफ़ बताते है कि सिर्फ देश की राजधानी दिल्ली में ही प्रदूषण का स्तर ख़राब नहीं है बल्कि दिल्ली के अलावा भी ऐसे कई राज्य है जहाँ बह लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा अब तक प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए भी गए हैं जबकि अन्य राज्यों के प्रदूषण का ज़िक्र भी नहीं होता।
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सेंट्रल पोलुशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक 6 नवंबर सुबह 10 बजे तक सबसे ज्यादा बुरे हालत उत्तर प्रदेश के कई शहरों के रहे। यूपी के मुरादाबाद में PM 2. 5 का स्तर सबसे ज्यादा 475 रहा, लखनऊ में 465, मेरठ में 452, कानपुर में 440, गाज़ियाबाद में 438, ग्रेटर नोएडा में 418, आगरा में 403, बुलंदशहर में 400 और नोएडा में PM 2. 5 का स्तर 392 रहा। यूपी के बाद दिल्ली के अधिकांश इलाके बेहद ख़राब श्रेणी में दर्ज किये गए। दिल्ली के आईटीओ में PM 2.5 का स्तर सबसे ज्यादा 450 रहा, बवाना में 430, रोहिणी में 426, मुंडका में 423, वज़ीरपुर में 420 जबकि आनंद विहार में PM 2.5 का स्तर 419 रहा। दिल्ली के बाद ऐसे कुछ हालत हरियाणा के भी रहे। हरियाणा में में PM 2.5 का स्तर सबसे ज्यादा फतेहबाद में 450 रहा, फिर गुरुग्राम में 438, फ़रीदाबाद में 415, जींद में 411, कैथल में 380 और भिवंडी में PM 2. 5 का स्तर 375 रहा। कहा जाता है कि पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है लेकिन उसके बावजूद भी यूपी, दिल्ली और हरियाणा की तुलना में पंजाब काफी कम प्रदूषण रहा। इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पंजाब के किसी भी शहर में प्रदूषण का स्तर ख़राब श्रेणी में नहीं रहा। पंजाब के पटियाला में PM 2.5 का स्तर सबसे ज्यादा 276 रहा, फिर जालंधर में 236, अमृतसर में 232, लुधियाना में 231, भटिंडा में 181 जबकि राजधानी चंडीगढ़ में PM 2.5 का स्तर राज्य में सबसे कम 128 रहा। यह आंकड़े साफ़ बताते है कि सिर्फ देश की राजधानी दिल्ली में ही प्रदूषण का स्तर ख़राब नहीं है बल्कि दिल्ली के अलावा भी ऐसे कई राज्य है जहाँ बह लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा अब तक प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए भी गए हैं जबकि अन्य राज्यों के प्रदूषण का ज़िक्र भी नहीं होता।
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