दिल्ली में कोरोना के साथ प्रदूषण भी हावी, सर्दियों ने भी तोड़ा रेकॉर्ड

देश की राजधानी दिल्ली अभी कोरोना महामारी के बढ़ते मामले और वायू प्रदूषण की दोहरी मार झेल रही है। एक तरफ कोरोना लगातार दो दिनों से नए-नए रेकॉर्ड बना रहा है तो दूसरी तरफ प्रदूषण पर भी रेड अलर्ट जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
दिल्ली में गुरुवार को कोरोना के 5,739 नए केस सामने आए जो अभी तक एक दिन में आने वाले मामलों की सबसे बड़ी संख्या है। इससे पहले बुधवार को दिल्ली में 5,673 नए कोविड मरीज सामने आए और तब यह चर्चा होने लगी थी कि क्या दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर चल पड़ी है।
बता दें कि, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि तीसरी लहर की पुष्टि के लिए एक सप्ताह तक कोरोना के ट्रेंड पर नजर रखनी होगी। अब जब दूसरे दिन भी कोरोना के मामलों का नया रेकॉर्ड बन गया तो इस आशंका को बल मिलने लगा है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना का तीसरी लहर आ चुकी है। वहीं कोरोना से अलग दिल्लीवासियों के लिए एक और चिंता की बात है, वो यह कि प्रदूषण का स्तर भी नित नए रेकॉर्ड बना रहा है। शुक्रवार को पूरी दिल्ली की हवा जहरीली हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई लेवल 408, बवाना में 447, पटपड़गंज में 404 जबकि वजीपुर में 411 पर पहुंच गया। ये आंकड़े 'अति गंभीर' श्रेणी में आते हैं। यानी दिल्ली की हवा अभी इतनी जहरीली हो चुकी है कि सांस संबंधी नई-नई बीमारियों का बहुत गंभीर खतरा हो गया है।
बता दें कि, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि तीसरी लहर की पुष्टि के लिए एक सप्ताह तक कोरोना के ट्रेंड पर नजर रखनी होगी। अब जब दूसरे दिन भी कोरोना के मामलों का नया रेकॉर्ड बन गया तो इस आशंका को बल मिलने लगा है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना का तीसरी लहर आ चुकी है। वहीं कोरोना से अलग दिल्लीवासियों के लिए एक और चिंता की बात है, वो यह कि प्रदूषण का स्तर भी नित नए रेकॉर्ड बना रहा है। शुक्रवार को पूरी दिल्ली की हवा जहरीली हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई लेवल 408, बवाना में 447, पटपड़गंज में 404 जबकि वजीपुर में 411 पर पहुंच गया। ये आंकड़े 'अति गंभीर' श्रेणी में आते हैं। यानी दिल्ली की हवा अभी इतनी जहरीली हो चुकी है कि सांस संबंधी नई-नई बीमारियों का बहुत गंभीर खतरा हो गया है।
वैसे आपको बता दें कि, तापमान का प्रदूषण के साथ उल्टा संबंध है। हवा में नमी बढ़ने से प्रदूषणकारी तत्व हवा में ज्यादा देर तक टिके रहते हैं और वातावरण में एक परत बना देते हैं। ऐसे में सर्दी ने राजधानी में अक्टूबर में ही रेकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया है। दिल्ली 26 साल बाद अक्टूबर में इतनी ठंडी हुई है। गुरुवार को सुबह का तापमान महज 12.5 डिग्री दर्ज हुआ। लोदी रोड में 12.4 डिग्री रहा। इससे पहले 20 अक्टूबर को भी न्यूनतम तापमान ने 11 साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया था। आनेवाले दिनों में इसमें और गिरावट आएगी। गुरुवार को सुबह का तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम रहा। इससे पहले 31 अक्टूबर 1994 में सुबह का तापमान 12.3 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था। अक्टूबर में अबतक सबसे कम न्यूनतम तापमान 31 अक्टूबर 1937 में दर्ज हुआ है। उस दिन सुबह का तापमान महज 9.4 डिग्री रहा था।दिल्ली: दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों के अनुसार आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 408 ('गंभीर' श्रेणी ) पर , द्वारका सेक्टर-8 में 405 ('गंभीर' श्रेणी ) पर, अलीपुर में 403 ('गंभीर' श्रेणी ) पर, जहांगीरपुरी में 423 ('गंभीर' श्रेणी ) पर है। pic.twitter.com/Fa1NDDYKwS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 30, 2020
इस साल 16 अक्टूबर के बाद से ही सुबह के तापमान में गिरावट आना शुरू हो गई है और यह 17.2 डिग्री से उपर नहीं गया है। गुरुवार को दिन का तापमान 32.2 डिग्री रहा जो सामान्य से एक डिग्री अधिक है, लेकिन कुछ जगहों पर पहली बार तापमान 30 डिग्री से नीचे भी दर्ज किया गया। इनमें पालम में 29.4 डिग्री, मंगेशपुर 29.5 डिग्री और अक्षरधाम में 29.2 डिग्री तापमान दिन में दर्ज हुआ। आज दिन का तापमान 32 दर्ज हो सकता है। 3 नवंबर तक सुबह का तापमान 11 से 12 डिग्री के बीच ही बना रहेगा।#WATCH दिल्ली: प्रदूषण बढ़ने की वजह से राजधानी दिल्ली में दृश्यता (विज़िबिलिटी) कम हुई।। (दृश्य इंडिया गेट से) pic.twitter.com/n5s2uoJmFI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 30, 2020
वैसे आपको बता दें कि मौसम विभाग के अनुसार, इस बार अभी तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव नहीं हो रहे हैं। राजस्थान के उपर एंटी-साइक्लोन परिस्थिति ने भी हवाओं को शुष्क और ठंडा करने का काम किया है। ला नीना के असर की वजह से इस बार सर्दियों का सीजन लंबा और ज्यादा सर्दी की संभावना है।दिल्ली: प्रदूषण बढ़ने की वजह से राजधानी दिल्ली में दृश्यता (विज़िबिलिटी) कम हुई। (तस्वीरें ITO और अक्षरधाम से )
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 30, 2020
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार ITO में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 380 ('बहुत खराब' श्रेणी ) पर है। pic.twitter.com/OjnYCfuGKs
ताज़ा वीडियो