अमेरिका के बाद अब ऑस्ट्रेलिया ने भी बीजिंग ओलंपिक के बॉयकॉट का ऐलान किया !
अब क्वाड के दोनों देशों के विंटर ओलंपिक के बॉयकॉट के बाद अन्य दो देशों पर निगाहें हैं...

2022 में आयोजित होने वाले बीजिंग विंटर ओलंपिक का अब ऑस्ट्रेलिया ने भी बॉयकॉट किया है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि मानवाधिकारों की चिंताओं को लेकर ऑस्ट्रेलिया बीजिंग विंटर गेम्स के राजनयिक बहिष्कार में अमेरिका के साथ शामिल है।
हालांकि भारत और चीन के बीच भी रिश्ते बिगड़े हुए हैं लेकिन भारत ने फिलहाल ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है। उधर जापान की तरफ से भी ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ग़ौरतलब है कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत उस क्वाड समझौते का हिस्सा हैं जो एशिया पैसिफिक क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
पीएम मॉरिसन ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि हाल के वर्षों में चीन के साथ राष्ट्र के संबंध टूटने के बाद ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी इस आयोजन का बहिष्कार करेंगे। पीएम स्कॉट मॉरिसन ने इस बॉयकॉट को ऑस्ट्रेलियाई हित बताया है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई एथलीट अभी भी कंपिटीशन में हिस्सा ले सकेंगे। मानवाधिकार हनन का हवाला देते हुए ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि चीन “हाल ही में परमाणु-संचालित पनडुब्बियों को हासिल करने के हमारे निर्णय के लिए आलोचना करता रहा है।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार चीन से उनके मतभेदों के बारे में बात करके बहुत खुश है। चीन पर जातीय अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए ह्युमन राइट्स समूहों ने खेलों के पूर्ण बहिष्कार पर ज़ोर दिया है। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ राजनयिक बॉकॉट का फैसला किया है, जबकि उनके एथलीट बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा ले सकेंगे। ऑस्ट्रिलियाई ओलंपिक कमेटी ने कहा कि इस फैसले से 40 या उससे ज़्यादा हिस्सा लेने वाले एथलीटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे पहले सोमवार को बाइडन प्रशासन ने भी बीजिंग विंटर ओलंपिक के बॉयकॉट का ऐलान किया था। अमेरिका ने यह फैसला शिनजिांग में चीनी मानवाधिकार हनन के आरोप में किया है। हम्युन राइट्स समूहों ने पूर्ण बॉयकॉट की मांग की थी लेकिन यूएस ओलंपिक और पैरालंपिक कमेटी ने इससे इनकार कर दिया। अब क्वाड के दोनों देशों के विंटर ओलंपिक के बॉयकॉट के बाद अन्य दो देशों पर निगाहें हैं। एक्सपर्ट क़यास लगा रहे हैं कि इसी तरह के फैसले जापान भी जल्द कर सकता है।
पीएम मॉरिसन ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि हाल के वर्षों में चीन के साथ राष्ट्र के संबंध टूटने के बाद ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी इस आयोजन का बहिष्कार करेंगे। पीएम स्कॉट मॉरिसन ने इस बॉयकॉट को ऑस्ट्रेलियाई हित बताया है। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई एथलीट अभी भी कंपिटीशन में हिस्सा ले सकेंगे। मानवाधिकार हनन का हवाला देते हुए ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि चीन “हाल ही में परमाणु-संचालित पनडुब्बियों को हासिल करने के हमारे निर्णय के लिए आलोचना करता रहा है।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार चीन से उनके मतभेदों के बारे में बात करके बहुत खुश है। चीन पर जातीय अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए ह्युमन राइट्स समूहों ने खेलों के पूर्ण बहिष्कार पर ज़ोर दिया है। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने सिर्फ राजनयिक बॉकॉट का फैसला किया है, जबकि उनके एथलीट बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा ले सकेंगे। ऑस्ट्रिलियाई ओलंपिक कमेटी ने कहा कि इस फैसले से 40 या उससे ज़्यादा हिस्सा लेने वाले एथलीटों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे पहले सोमवार को बाइडन प्रशासन ने भी बीजिंग विंटर ओलंपिक के बॉयकॉट का ऐलान किया था। अमेरिका ने यह फैसला शिनजिांग में चीनी मानवाधिकार हनन के आरोप में किया है। हम्युन राइट्स समूहों ने पूर्ण बॉयकॉट की मांग की थी लेकिन यूएस ओलंपिक और पैरालंपिक कमेटी ने इससे इनकार कर दिया। अब क्वाड के दोनों देशों के विंटर ओलंपिक के बॉयकॉट के बाद अन्य दो देशों पर निगाहें हैं। एक्सपर्ट क़यास लगा रहे हैं कि इसी तरह के फैसले जापान भी जल्द कर सकता है।
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