इलेक्टोरल बॉन्ड पर बीजेपी का क़ब्ज़ा, मिला 4000 करोड़ से ज़्यादा का चंदा !

“विवादित इलेक्टोरल” बॉन्ड को मानो भारतीय जनता पार्टी ने हाइजैक कर लिया है। पिछले 17 चरणों में इसकी बिक्री के अगर आंकड़े देखें तो हर बार कॉर्पोरेट और इंडिविड्युल से बीजेपी को सबसे ज़्यादा चंदा मिला है। मसलन एक रिपोर्ट के मुताबिक़ बीजेपी को साल 2019 में इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये सबसे ज़्यादा चंदा मिला और चंदे में 76 फीसदी की बढ़त देखी गई।
अगर आंकड़ों पर ग़ौर करें तो पिछले तीन सालों में भारतीय जनता पार्टी को इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये 4,215 करोड़ रूपये का चंदा मिला है। इनमें वित्त वर्ष 2017-18 में 210 करोड़, 2018-19 में 1,450 करोड़ और एक अंग्रेज़ी दैनिक की रिपोर्ट के मुताबिक़ 2019-20 में पार्टी को 2,555 करोड़ रूपये का चंदा मिला। जबकि दूसरी तरफ अन्य राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये कम चंदा मिला जो ‘ऊंट के मूंह में जीरा’ साबित होता है।
मसलन कांग्रेस को पिछले तीन सालों में इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये 706.12 करोड़ रूपये का चंदा मिला है। इसी तरह टीएमसी को 197.46 करोड़ रूपये, शरद पवार की पार्टी एनसीपी को करीब 60 करोड़ रूपये और आम आदमी पार्टी को 18 करोड़ रूपये इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये उद्योगपतियों या इंडिविड्युल से चंदे के तौर पर मिले हैं। इलेक्शन वॉच-एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च 2018 से जुलाई 2021 के बीच 7,380.6 करोड़ रूपये की लागत के 14,363 इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए हैं। इस दौरान 14,217 बॉन्ड्स से 7,360 करोड़ रूपये अलग-अलग राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड के कुल मूल्य का 60.26 फीसदी हिस्सा इसी दौरान मार्च 2019 से लेकर मई 2019 की अवधि में भुनाए गए।
मसलन कांग्रेस को पिछले तीन सालों में इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये 706.12 करोड़ रूपये का चंदा मिला है। इसी तरह टीएमसी को 197.46 करोड़ रूपये, शरद पवार की पार्टी एनसीपी को करीब 60 करोड़ रूपये और आम आदमी पार्टी को 18 करोड़ रूपये इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये उद्योगपतियों या इंडिविड्युल से चंदे के तौर पर मिले हैं। इलेक्शन वॉच-एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्च 2018 से जुलाई 2021 के बीच 7,380.6 करोड़ रूपये की लागत के 14,363 इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे गए हैं। इस दौरान 14,217 बॉन्ड्स से 7,360 करोड़ रूपये अलग-अलग राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राजनीतिक दलों द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड के कुल मूल्य का 60.26 फीसदी हिस्सा इसी दौरान मार्च 2019 से लेकर मई 2019 की अवधि में भुनाए गए।
ताज़ा वीडियो