पिछले तीन सालों में बाढ़ से 11,400 करोड़ स्वाहा - गृह मंत्रालय

by GoNews Desk 2 years ago Views 2789

11,400 crore Destroyed due to floods in last three
कृषि प्रधान देश भारत का एक बहुत बड़ा भू-भाग जलमग्न की स्थिति में है। लाखों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है, सैकड़ों जाने गयी हैं और हज़ारों जानवर बाढ की भेंट चढ़ चुके हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि केवल इसी साल यही हाल है। हर वर्ष मॉनसून के मौसम में बाढ़ आती है, भूस्खलन होता है, और यही कहानी दोहराई जाती है।

गृह मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि साल 2017-18 में नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड से बाढ़ बादल फटने और भूस्खलन से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए 2 हज़ार 616 करोड़ से ज्यादा रिलीज़ किये गए। अगले साल यानि 2018-19 में 4042 करोड़ रुपए बाढ़ से लड़ने के लिए अलग अलग राज्य सरकारों को सहायता दी गयी। उसके अगले ही साल यानि 2019-20 में 5042 करोड़ रुपए दिए गए। यानि हर साल सरकार बाढ़ से निपटने के लिए हज़ारों करोड़ रुपए स्वाहा कर देती है।


इसके अलावा कितना नुकसान होता है, इसके आंकड़े और भी भयावह हैं। गृह मंत्रालय के ही आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल मानसून में यानि 01.06.2019 से 14.11.2019 तक 2391 लोगों की जान बाढ़ और भूस्खलन से गयी। सबसे ज्यादा मौतें दर्ज हुई थीं मध्य प्रदेश में जहां 674 लोगों को जान गंवानी पड़ी। पिछले मानसून में 15 हज़ार 729 मवेशियों की भी जान गयी। भारी बारिश से घरों को भी नुकसान पंहुचा जिसके कारण लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा। सरकारी आंकड़ा कहता है कि पूरे देश में पिछली बारिश के मौसम में 80 हज़ार 67 घर तबाह हुए।

ज्यादा बारिश से फसलों को भी बेहद नुक्सान झेलना पड़ा था। पिछले साल मानसून सीजन में लगभग 64 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर खड़ी फसल चौपट हो गयी थी।

ये तो रही पिछले साल की बात लेकिन इस साल भी कुछ नहीं बदला है। आज भी बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, केरला, उत्तराखंड जैसे देश के लगभग 10 राज्य भीषण बाढ की चपेट में हैं और वहां की जनता सरकारी अनदेखी के शिकार हो रही है.

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