अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की आख़िरी बहस में जमकर भिड़े ट्रंप और बाइडेन

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए आख़िरी प्रेसीडेंशियल डिबेट शुक्रवार सुबह (भारतीय समय) सम्पन्न हुई। दूसरे कार्यकाल के लिए पूरी ताक़त लगा रहे मौजूदा राष्ट्रपति ने डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार जो बाइडेन पर तीखे सवाल उठाये, वहीं कोरोना, चीन, रूस और ईरान को लेकर उन पर भी पलटवार हुआ। तीन नवंबर को इस चुनाव के लिए वोट पड़ेंगे।
अमेरिका में कोरोना से स्थिति काफ़ी ख़राब है। क़रीब 2,22000 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 84 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं। ज़ाहिर है, विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है और जो बाइडेन ने बहस की शुरुआत में ही इस मुद्दे पर ट्रंप को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन कोरोना से निपटने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ।
वहीं ट्रंप ने दलील दी कि इस महामारी का प्रकोप अब ख़त्म हो रहा है। वे ख़ुद इसकी चपेट में आये थे, लेकिन ठीक हो गये। जल्दी ही अमेरिका के पास कोरोना की वैक्सीन होगी और सेना इसे लोगों तक पहुँचायेगी। ट्रंप ने कहा कि हमें कोरोना के साथ ही जीना होगा। इसकी चपेट में आने वाले 99 फ़ीसदी लोग ठीक हो जाते है।

लेकिन बाइडेन ने आरोप लगाया कि ट्रंप अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रहे हैं। 19 साल की उम्र के लोग भी इस बीमारी से मर रहे हैं। इस साल के अंत तक दो लाख और मौतें हो सकती हैं लेकिन राष्ट्रपति के पास कोई व्यापक योजना नहीं है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप की मास्क को लेकर बरती जाने वाली लापरवाही की ओर इशारा करते हुए कहा कि हर किसी को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। टेस्टिंग तेज़ी से हो और स्कूल और बिज़नेस खोलने के लिए राष्ट्रीय नीति तय होनी चाहिए। बाइडेन ने कहा कि दुनिया की एक बेहतरीन मेडिकल जर्नल में कोरोना को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की प्रतिक्रिया पर अफ़सोस जताया गया है।
इस बहस में कोरोना के लिए चीन की ज़िम्मेदारी पर भी प्रतिक्रिया माँगी गयी। ट्रंप ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय नियमों के हिसाब से चलेंगे वहीं ट्रंप ने कहा कि चीन को भुगतना पड़ेगा। ट्रंप ने कहा कि चीन से आयात होने वाले इस्पात पर लगाये गये टैक्स से अमेरिकी इस्पात इंडस्ट्री बची है जिसे बाइडेन ने बकवास बताया।
जो बाइडन ने बहस में उत्तर कोरिया, चीन और रूस के नेताओं के प्रति ट्रंप के रवैये पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इन देशों के नेता ठग हैं जिन्हें ट्रंप गले लगाते हैं। रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ ट्रंप के रिश्ते असमान्य रूप से घनिष्ठ हैं जो परेशानी की बात है। बाइडन ने यह भी कहा कि अमेरिकी सेना की अफ़गानिस्तान में महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए और अगर वे जीते तो संभव है कि वे ट्रंप की तुलना में ज़्यादा समय तक अमेरिकी सेना वहां तैनात रखें। उन्होंने आरोप लगाया कि रूस नहीं चाहता कि वे चुनाव जीतें। रूस के साथ ईरान और चीन भी अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने की कोशिश कर रहे हैं। वे चुनाव जीते तो साज़िश करने वालों को सबक़ सिखायेंगे।

वहीं ट्रंप ने इन तमाम आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे रूस को लेकर जितना सख़्त रहे हैं, उनता शायद ही कोई अन्य राष्ट्रपति रहा हो।
बाइड ने न्यूयार्क टाइम्स के उस खुलासे का सवाल भी उठाया जिसमें ट्रंप पर चीन में कारोबार, टैक्स देने और बैंक खाते होने की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि ट्रंप अमेरिका में बेहद कम टैक्स देते हैं। ट्रंप ने कहा कि वे व्यापारी हैं और पूरी दुनिया में कारोबार करते हैं। चीन के बैंक में उनकी कंपनी का खाता 2015 में था। उन्होंने लाखों डॉलर एडवांस टैक्स दिया है लेकिन लोग केवल 750 डॉलर की बात करते हैं (जो उन्होंने 2016 और 2017 में दिया था।)
बहस के दौरान ट्रंप ने दुनिया में बढ़ते प्रदूषण के लिए भारत को भी ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अमेरिका सबसे कम कार्बन उत्सर्जन करता है जबकि भारत, चीन और रूस ने वहा ज़्यादा प्रदूषित करके इस लड़ाई में रिकॉर्ड ख़राब की है। लेकिन बाइडेन ने कहा कि क्लाइमेट चेंज को ट्रंप मज़ाक़ में लेते रहे हैं जबकि यह पूरी मानवता के लिए ख़तरा है। जबकि उनके पास अक्षय ऊर्जा पर फ़ोकस करने के लिए पूरी योजना है।
दोनों उम्मीदवारों के बीच सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी बहस हुई। बाइडन ने कहा कि ट्रंप ने ओबामाकेयर हेल्थ बिल को लागू नहीं किया लेकिन उससे बेहतर योजना भी नहीं ला पाये। हम अगले दस सालों में हेल्थ केयर पर 70 अरब डॉलर ख़र्च करेंगे। वहीं ट्रंप ने दावा किया कि वे बेहतर बिल लेकर आयेंगे जिसका प्रीमीयम ओबामा केयर से कम होगा और दवाइयाँ भी सस्ती होंगी।
इस बहस का संचालन एनबीसी न्यूज़ से जुड़ी पत्रकार क्रिस्टीन वेल्कर ने किया।
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