अमेरिका चुनाव : सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद जॉर्ज बुश भी बने थे राष्ट्रपति, पढ़ें पूरा मामला

अमेरिका में वोटों की गिनती जारी है और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। लेकिन मतगणना के बीच ही ट्रम्प ने चुनावी प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी है। ट्रम्प ने आरोप लगाया की उनसे 'डेमोक्रेट जीत को चुरा रहे हैं' और वो इसके ख़िलाफ़ देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे।
प्रेजिडेंट ट्रम्प ने अपने समर्थकों को वाइट हाउस में संबोधित करते हुए कहा : "हम इसे जीतेंगे। जहां तक मेरा सवाल है हम पहले ही इसे जीत चुके हैं।' उन्होंने कहा कि "हमारे राष्ट्र के साथ एक बड़ा धोखा" हुआ है।
बात करें अगर चुनावों के नतीजों की तो अमेरिकी न्यूज़ चैनल NBC News के मुताबिक जो बाइडन 220 इलेक्टोरल वोट के साथ ट्रम्प से आगे चल रहे, वही ट्रंप ज्यादा पीछे नहीं है और 213 वोट लेकर रेस में बने हुए है। बता दें, अभी भी लाखो मतों की गणना जारी है। और इसमें सबसे ज्यादा पोस्टल बैलट शामिल है क्योंकि इस साल कोविड-19 महामारी के कारण अमेरिकी बाहर निकलने में हिचकिचा रहे थे जिसके कारण पोस्टल बैलट मतदान बहुत अधिक हुआ। लेकिन अभी से ही ट्रम्प ने जीत का दावा ठोक दिया है। इसी तरह जो बाइडन का भी कहना है की डेमोक्रेट जीत की और अग्रसर हैं। वैसे बता दें, अमेरिका के इतिहास में पहले भी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों को लेकर उम्मीदवार और पार्टियाँ सुप्रीम कोर्ट का रुख करती रही हैं। इससे पहले साल 2000 में भी फ्लोरिडा राज्य के वोटों की गिनती का मामला सुप्रीम कोर्ट गया था। दरअसल, पहले न्यूज़ चैनलों ने फ्लोरिडा को डेमोक्रैटिक उम्मीदवार अल गोर की झोली में डाला, लेकिन कुछ देर बाद इसे रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉर्ज बुश के पक्ष में बता दिया। बाद में यही मामला सुप्रीम कोर्ट पंहुचा और कोर्ट ने दोबारा मतगणना को असंवैधानिक बताते हुए, परिणाम पर 12 दिसंबर तक रोक लगा दी। बाद में कोर्ट ने दोबारा मतगणना को ख़ारिज करते हुए फ्लोरिडा राज्य में बुश को 534 वोटो के साथ विजयी घोषित किया, जिससे उन्हें 25 अतिरिक्त इलेक्टोरल वोट मिले। इन्ही 25 वोटों के बदौलत बुश अमेरिका के 43वे राष्ट्रपति बने। ज़ाहिर है, इस बार ट्रम्प या बाइडन दोनों के लिए वाइट हाउस की डगर आसान नहीं है।
बात करें अगर चुनावों के नतीजों की तो अमेरिकी न्यूज़ चैनल NBC News के मुताबिक जो बाइडन 220 इलेक्टोरल वोट के साथ ट्रम्प से आगे चल रहे, वही ट्रंप ज्यादा पीछे नहीं है और 213 वोट लेकर रेस में बने हुए है। बता दें, अभी भी लाखो मतों की गणना जारी है। और इसमें सबसे ज्यादा पोस्टल बैलट शामिल है क्योंकि इस साल कोविड-19 महामारी के कारण अमेरिकी बाहर निकलने में हिचकिचा रहे थे जिसके कारण पोस्टल बैलट मतदान बहुत अधिक हुआ। लेकिन अभी से ही ट्रम्प ने जीत का दावा ठोक दिया है। इसी तरह जो बाइडन का भी कहना है की डेमोक्रेट जीत की और अग्रसर हैं। वैसे बता दें, अमेरिका के इतिहास में पहले भी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों को लेकर उम्मीदवार और पार्टियाँ सुप्रीम कोर्ट का रुख करती रही हैं। इससे पहले साल 2000 में भी फ्लोरिडा राज्य के वोटों की गिनती का मामला सुप्रीम कोर्ट गया था। दरअसल, पहले न्यूज़ चैनलों ने फ्लोरिडा को डेमोक्रैटिक उम्मीदवार अल गोर की झोली में डाला, लेकिन कुछ देर बाद इसे रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉर्ज बुश के पक्ष में बता दिया। बाद में यही मामला सुप्रीम कोर्ट पंहुचा और कोर्ट ने दोबारा मतगणना को असंवैधानिक बताते हुए, परिणाम पर 12 दिसंबर तक रोक लगा दी। बाद में कोर्ट ने दोबारा मतगणना को ख़ारिज करते हुए फ्लोरिडा राज्य में बुश को 534 वोटो के साथ विजयी घोषित किया, जिससे उन्हें 25 अतिरिक्त इलेक्टोरल वोट मिले। इन्ही 25 वोटों के बदौलत बुश अमेरिका के 43वे राष्ट्रपति बने। ज़ाहिर है, इस बार ट्रम्प या बाइडन दोनों के लिए वाइट हाउस की डगर आसान नहीं है।
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