दिल्ली दंगे पर ब्रिटिश संसद में ज़ोरदार बहस, मोदी सरकार पर हमला

by Renu Garia 3 years ago Views 29468

Strong debate in British Parliament on Delhi riots
दिल्ली के सांप्रदायिक दंगों को लेकर संसद में बहस नहीं हो पा रही है लेकिन ब्रिटेन की संसद में इसपर जमकर बहस हुई. विपक्षी पार्टी के सांसदों ने दिल्ली में हुए क़त्लेआम पर ज़ोरदार तरीक़े से सवाल किए और लंदन में भारतीय राजदूत को तलब करने की मांग की. 

दिल्ली के सांप्रदायिक दंगे में 53 लोगों की जान जा चुकी है लेकिन तमाम विरोध प्रदर्शनों के बावजूद सरकार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा नहीं कर रही है. हंगामे के बीच कांग्रेस के सात सांसद निलंबित किए जा चुके हैं और  लोकसभा भी 11 मार्च तक स्थगित हो चुकी है. 


हालांकि ब्रिटेन की संसद में दिल्ली के दंगे को लेकर ज़ोरदार बहस हुई. हाउस ऑफ लॉर्ड्स में लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ने कहा, ‘जब मैं भारत में पढ़ रहा था तो एक अल्पसंख्यक के तौर पर 1984 के सिख विरोधी दंगे का गवाह बना. हमें इतिहास से सीखना चाहिए और उन लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिए जिनका मक़सद धर्म के नाम पर लोगों की हत्याएं करना, धार्मिक स्थलों को तोड़ना और समाज को बांटना है. मैं स्पीकर से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने भारतीय मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हो रही घटनाओं को लेकर भारतीय समकक्ष को क्या संदेश दिया है.’ 

तनमनजीत सिंह के अलावा एडबैस्टन से लेबर पार्टी की सांसद प्रीत गिल कौर ने भी दिल्ली के दंगे का सवाल उठाया. दोनों सांसदों ने कहा कि इस दंगे ने 1984 के सिख विरोधी दंगे की यादें ताज़ा कर दी हैं. प्रीत गिल कौर ने स्पीकर से पूछा कि भारत में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सरकार क्या क़दम उठा रही है. 

लेबर पार्टी की एक अन्य सांसद यासमीन कुरैशी ने भी तीखा सवाल दागा. उन्होंने कहा, ‘हाल ही में हुई हिंसा को सांप्रदायिक झड़प कहना, एक दर्दनाक हादसे पर पर्दा डालने जैसा है. भारत पर अब हिंदुत्वा की विचारधारा आरएसएस का क़ब्ज़ा है. आरएसएस की विचारधारा का जर्मनी की नाज़ी पार्टी से मज़बूत ऐतिहासिक संबंध है और भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री आरएसएस के सदस्य थे. प्रधानमंत्री इस भेदभाव के ख़िलाफ़ क्या क़दम उठा रहे हैं.’  

लेबर पार्टी की सांसद नादिया व्हिटम ने भी मोदी सरकार की तीखी आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘क्या हम 'दंगे', 'झड़प', 'विरोध प्रदर्शन’ और 'सांप्रदायिक हिंसा' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना बंद कर सकते हैं, जबकि तथ्य यह है कि लगातार सुनियोजित तरीक़े से हिंदुत्ववादी हिंसा मुसलमानों और कई अल्पसंख्यक समुदायों पर की जा रही है. क्या इस हिंसा को मोदी सरकार की मंज़ूरी मिली हुई है?’ 

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कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद रिचर्ड ग्राहम ने कहा: ‘हम सभी ने चौंकाने वाले वीडियो देखे हैं जिनमें भारतीय मुसलमानों के साथ हिंसा की जा रही है. क्या मैं अपने मंत्री से कह सकता हूं कि वो भारतीय उच्चायुक्त को तलब करें ताकि हमारे सांसद अपने परिवारों और दोस्तों से जुड़ी चिंता के बारे में उन्हें बता सकें.’ 

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