Russia-Ukraine Conflict: आज पहली संघर्षविराम वार्ता !

रूसी आक्रमण में 352 यूक्रेनी नागरिकों की मौत हो गई है, जिनमें 14 बच्चे भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि आक्रमण के बाद से यूक्रेनी नागरिकों को ज़बरस्ती सेना में भर्ती कराया जा रहा है।
यूक्रेन ने 4,500 से ज़्यादा रूसी हताहतों (Casualties) का दावा किया है। रूस ने भी पहली बार स्वीकार किया कि उसके सैनिक लड़ाई में "मारे गए हैं और घायल" हुए हैं लेकिन कितने हुए हैं, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। इस बीच रूस और यूक्रेन के बीच पहली निगोशियेशन वार्ता शुरु हो गई है।
संघर्ष 23 फरवरी से जारी है जब रूस ने यूक्रेनी सेना के खिलाफ “सैन्य कार्रवाई” का ऐलान किया था। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया अमेरिका-गठबंधन वाले देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जबकि चीन, बेलारूस, वेनेज़ुएला और ब्राज़ील जैसे अन्य देशों ने रूस की निंदा नहीं की है और इस बारे में कोई बयान भी जारी नहीं किया गया है। हालांकि चीन ने पश्चिमी और अमेरिकी प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए अमेरिका की अपनी विदेश नीतियों और परिणामों पर सवाल उठाया है। आज UNSC की तीसरी मीटिंग हुई जिसमें भारत ने फिर से अपना पक्ष साफ नहीं किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। भारत के अमेरिका और रूस के साथ संबंधों को ध्यान में रखते हुए यह क़दम उठाए हैं, जिसकी अमेरिका ने आलोचना की है और अपील की है कि भारत इस मामले पर अपना रुख़ जल्द साफ करेगा। अब रूस पर ब्रिटेन नए तरीके के प्रतिबंधों की योजना बना रहा है और कहा जा रहा है कि ब्रिटेन सरकार रूसी सेंट्रल बैंक को टार्गेट कर नए प्रतिबंधों का ऐलान कर सकती है। ब्रिटेन के राजकोष के चांसलर ऋषि सुनक का कहना है कि ब्रिटिश प्रतिबंधों का उद्देश्य "रूस पर उच्चतम लागत थोपना और उसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से तब बाहर करना है जबतक संघर्ष जारी रहता है।” उधर स्टिवज़रलैंड भी रूसी संपत्तियों को फ्रीज़ कर सकता है। स्विस राष्ट्रपति इग्नाज़ियो कैसिस ने टीवी स्टेशन आरटीएस से कहा कि "यह संभव है कि सरकार रूसी संपत्तियों को फ्रीज कर देगी।” लेकिन अभी तक कोई फैसला सामने नहीं आया है। जबकि सिंगापुर ने भी उचित प्रतिबंधों की मांग की है। हालांकि ब्राज़ील फिलहाल रूस के ख़िलाफ़ सख़्त टिप्पणी करने से बच रहा है। भारतीयों और अफ्रीकियों ने यूक्रेनी अधिकारियों पर नस्लवाद का आरोप लगाया है। ह्युमन राइट्स ऑर्गेनाज़ेशन ओवीडी-इन्फो के मुताबिक रविवार को 2,114 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। यूक्रेन के साथ एकजुटता के विरोध में हाल के दिनों में पूरे यूरोप में 100,000 से ज़्यादा लोगों ने प्रदर्शन किया है।
संघर्ष 23 फरवरी से जारी है जब रूस ने यूक्रेनी सेना के खिलाफ “सैन्य कार्रवाई” का ऐलान किया था। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया अमेरिका-गठबंधन वाले देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, जबकि चीन, बेलारूस, वेनेज़ुएला और ब्राज़ील जैसे अन्य देशों ने रूस की निंदा नहीं की है और इस बारे में कोई बयान भी जारी नहीं किया गया है। हालांकि चीन ने पश्चिमी और अमेरिकी प्रतिबंधों की आलोचना करते हुए अमेरिका की अपनी विदेश नीतियों और परिणामों पर सवाल उठाया है। आज UNSC की तीसरी मीटिंग हुई जिसमें भारत ने फिर से अपना पक्ष साफ नहीं किया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। भारत के अमेरिका और रूस के साथ संबंधों को ध्यान में रखते हुए यह क़दम उठाए हैं, जिसकी अमेरिका ने आलोचना की है और अपील की है कि भारत इस मामले पर अपना रुख़ जल्द साफ करेगा। अब रूस पर ब्रिटेन नए तरीके के प्रतिबंधों की योजना बना रहा है और कहा जा रहा है कि ब्रिटेन सरकार रूसी सेंट्रल बैंक को टार्गेट कर नए प्रतिबंधों का ऐलान कर सकती है। ब्रिटेन के राजकोष के चांसलर ऋषि सुनक का कहना है कि ब्रिटिश प्रतिबंधों का उद्देश्य "रूस पर उच्चतम लागत थोपना और उसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से तब बाहर करना है जबतक संघर्ष जारी रहता है।” उधर स्टिवज़रलैंड भी रूसी संपत्तियों को फ्रीज़ कर सकता है। स्विस राष्ट्रपति इग्नाज़ियो कैसिस ने टीवी स्टेशन आरटीएस से कहा कि "यह संभव है कि सरकार रूसी संपत्तियों को फ्रीज कर देगी।” लेकिन अभी तक कोई फैसला सामने नहीं आया है। जबकि सिंगापुर ने भी उचित प्रतिबंधों की मांग की है। हालांकि ब्राज़ील फिलहाल रूस के ख़िलाफ़ सख़्त टिप्पणी करने से बच रहा है। भारतीयों और अफ्रीकियों ने यूक्रेनी अधिकारियों पर नस्लवाद का आरोप लगाया है। ह्युमन राइट्स ऑर्गेनाज़ेशन ओवीडी-इन्फो के मुताबिक रविवार को 2,114 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था। यूक्रेन के साथ एकजुटता के विरोध में हाल के दिनों में पूरे यूरोप में 100,000 से ज़्यादा लोगों ने प्रदर्शन किया है।
इस थ्रेड में हम साफ़ देख सकते हैं की अफ्रीकियों को, ट्रेनों में चढ़ने से रोका जा रहा है:A Nigerian medical student at Poland/Ukraine border (Medyka-Shehyni) told me she has been waiting 7hrs to cross, she says border guards are stopping black people and sending them to the back of the queue, saying they have to let 'Ukrainians' through first.
— Stephanie Hegarty (@stephhegarty) February 26, 2022
एक वीडियो सामने आया है जिसमें यूक्रेन से सीमा पार करने की कोशिश करते हुए पोलैंड और रोमानिया में सीमा बलों द्वारा भारतीय छात्रों पर शारीरिक हमले हो रहे हैं। भारतीय छात्रों ने हवाई फायरिंक का भी आरोप लगाया है।Visuals from the day #AfricansinUkraine pic.twitter.com/qt3WO3P9Vg
— Damilare / ViF (@Damilare_arah) February 26, 2022
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