यूक्रेन से भारतीय स्टूडेंट्स की निकासी में मदद करेगा रूस !

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का आज सातवां दिन है और इस बीच एक भारतीय नागरिक के मारे जाने की पुष्टि हुई है। आक्रमण की वजह से भारी संख्या में भारतयी स्टूडेंट्स अभी भी यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों में फंसे हुए हैं। इसको लेकर भारत सरकार ने दोनों देशों यूक्रेन और रूस के राजनयिकों को समन भेजा था।
आज, 2 मार्च को रूसी राजदूत ने एक प्रेस कांफ्रेंस किया है जिसमें उन्होंने भारत से भारतीय नागरिकों को रूस के रास्ते निकालने की पेशकश की है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच महत्वाकांक्षी S-400 मिसालइल डील पर कोई संकट का कोई का कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा, “हमसे भारत सरकार से संकटग्रस्त क्षेत्र में फंसे भारतीयों को रूसी क्षेत्र माध्यम से निकाले जाने का अनुरोध मिला था। उन्होंने यूक्रेन के खार्किव में गोलीबारी में भारतीय छात्र नवीन की मौत पर शोक जताया है। रूसी राजदूत ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूक्रेन संकट पर भारत के रुख़ की सराहना की। उन्होंने आगे कहा, “भारत संकट की गहराई को समझता है"। उन्होंने कहा, “रूस और भारत रणनीतिक सहयोगी हैं और संयुक्त राष्ट्र में प्रदर्शित संतुलित स्थिति के लिए मास्को भारत का आभारी है।” चीन और UAE के साथ भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूसी आक्रमण पर पेश किए गए प्रस्ताव पर किसी टिप्पणी से परहेज किया था। भारत सबसे ज़्यादा हथियार रूस से ही खरीदता है और भारत ने लगभग आधा रक्षा उपकरण 2016-2020 के बीच रूस से खरीदा था। हाल ही में भारत और रूस के बीच S-400 मिसाइल डील पर पश्चिमी देशों ख़ासकर अमेरिका ने आपत्ति जताई थी। हालांकि बाद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ख़ुद 6 घंटे के लिए भारत के दौरे पर आए थे जिसके बाद यह डील फाइनल हुई। इस मामले का रूसी राजदूत ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में भी ज़िक्र किया और कहा कि संकट की वजह से भारत और रूस के बीच S-400 मिसाइल डील पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारत ने चार मंत्रियों को पोलैंड, मोल्दोवा, हंगरी, स्लोवाकिया और अन्य पड़ोसी देशों में भेजा है। इन देशों से भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना के एयरलिफ्टर विमान C-17 भी भेजे गए हैं।
भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा, “हमसे भारत सरकार से संकटग्रस्त क्षेत्र में फंसे भारतीयों को रूसी क्षेत्र माध्यम से निकाले जाने का अनुरोध मिला था। उन्होंने यूक्रेन के खार्किव में गोलीबारी में भारतीय छात्र नवीन की मौत पर शोक जताया है। रूसी राजदूत ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूक्रेन संकट पर भारत के रुख़ की सराहना की। उन्होंने आगे कहा, “भारत संकट की गहराई को समझता है"। उन्होंने कहा, “रूस और भारत रणनीतिक सहयोगी हैं और संयुक्त राष्ट्र में प्रदर्शित संतुलित स्थिति के लिए मास्को भारत का आभारी है।” चीन और UAE के साथ भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूसी आक्रमण पर पेश किए गए प्रस्ताव पर किसी टिप्पणी से परहेज किया था। भारत सबसे ज़्यादा हथियार रूस से ही खरीदता है और भारत ने लगभग आधा रक्षा उपकरण 2016-2020 के बीच रूस से खरीदा था। हाल ही में भारत और रूस के बीच S-400 मिसाइल डील पर पश्चिमी देशों ख़ासकर अमेरिका ने आपत्ति जताई थी। हालांकि बाद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ख़ुद 6 घंटे के लिए भारत के दौरे पर आए थे जिसके बाद यह डील फाइनल हुई। इस मामले का रूसी राजदूत ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में भी ज़िक्र किया और कहा कि संकट की वजह से भारत और रूस के बीच S-400 मिसाइल डील पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
भारत ने चार मंत्रियों को पोलैंड, मोल्दोवा, हंगरी, स्लोवाकिया और अन्य पड़ोसी देशों में भेजा है। इन देशों से भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना के एयरलिफ्टर विमान C-17 भी भेजे गए हैं।
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