उम्मीद: ब्रिटेन में शुरू हुआ कोवीड वैक्सीन टीकाकरण अभियान

पूरी दुनिया कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही है। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव को लेकर तमाम देशों में टीकाकरण को लेकर ज़ोरों से तैयारियाँ की जा रही हैं। इस बीच ब्रिटेन आज से फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन के साथ अपना टीकाकरण अभियान शुरू कर रहा है। ब्रिटेन में फाइजर-बायोएनटेक द्वारा तैयार की गई वैक्सीन को प्रयोग करने वाला पहला देश बन जाएगा। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए इसे वी-डे करार दिया है।
ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के शीर्ष 50 अस्पताल टीकाकरण कार्यक्रम में जुटे हैं। वहीँ सरकार ने कहा है कि सबसे पहले वैक्सीन अस्पतालों में मुहैया कराई जाएगी, इसके बाद ही क्लिनिकों पर उपलब्ध होगी।
ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा की ओर से कहा गया है कि टीकाकरण में 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इंग्लैंड में, 50 अस्पतालों को शुरू में वैक्सीन के संचालन के लिए हब के रूप में चुना गया है। स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड भी मंगलवार से अस्पतालों से अपने टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। दक्षिण लंदन में क्रॉयडन विश्वविद्यालय अस्पताल रविवार को वैक्सीन की डिलीवरी लेने वाला ब्रिटेन का पहला अस्पताल बन गया है। वैक्सीन की लगभग 8 लाख खुराक के अगले सप्ताह से यूके में उपलब्ध होने की उम्मीद है। हालांकि, सरकार ने अभी तक चार करोड़ वैक्सीन खुराक का ऑर्डर दिया है। ये दो करोड़ जनता के टीकाकरण के लिए पर्याप्त हैं, जिन्हें 21 दिनों के अंतराल में वैक्सीन की दो खुराक दी जाने वाली है। ब्रिटेन में कोरोना टीका लगवाने वालों को कार्ड जारी किया जाएगा। कार्ड पर मरीज का नाम, पता और वैक्सीन का बैच नंबर लिखा जाएगा। बताया जा रहा है कि प्रत्येक संक्रमित को फाइजर वैक्सीन के लिए दो डोज लेने होंगे। दूसरी बार फिर आने पर कार्ड दिखाना होगा। ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते ही ब्रिटेन की औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने फाइजर बायोएनटेक कोविड-19 टीके को आपात मंजूरी दी थी। फाइजर ने दावा किया है कि उसका टीका कोरोना संक्रमण से 95 फीसद तक सुरक्षा देता है। हालाँकि, फ़ाइज़र वैक्सीन के मामले में जल्दबाजी के चलते इसके साइड इफेक्ट को लेकर भी विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। लेकिन सरकार ने बीते शुक्रवार को ही ऐलान किया था, कि यदि कोरोना वैक्सीन से कोई साइड इफेक्ट होता है तो वह इसके इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी। ब्रिटेन में अब तक कुल 17 लाख 37 हज़ार 960 लोग कोरोना से संक्रमित हुए है। जबकि 61 हज़ार 434 लोगों अब तक मौत भी हो चुकी है। इस बीच भारत में फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बाद हैदराबाद की फार्मास्युटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने भी अपने कोविड-19 टीके के लिए आपात उपयोग की मंजूरी मांगी है। कंपनी ने केंद्रीय औषधि नियामक में इसके लिए आवेदन किया है। इस तरह यह तीसरी कंपनी बन गई है, जो अपने टीके के इस्तेमाल की इजाजत मांग रही है। भारत बायोटेक द्वारा आईसीएमआर के साथ मिलकर टीके को तैयार करने का काम स्वदेश में ही किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और फाइजर के आवेदनों पर केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन में कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति आने वाले दिनों में विचार करेगी।
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ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा की ओर से कहा गया है कि टीकाकरण में 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इंग्लैंड में, 50 अस्पतालों को शुरू में वैक्सीन के संचालन के लिए हब के रूप में चुना गया है। स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड भी मंगलवार से अस्पतालों से अपने टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। दक्षिण लंदन में क्रॉयडन विश्वविद्यालय अस्पताल रविवार को वैक्सीन की डिलीवरी लेने वाला ब्रिटेन का पहला अस्पताल बन गया है। वैक्सीन की लगभग 8 लाख खुराक के अगले सप्ताह से यूके में उपलब्ध होने की उम्मीद है। हालांकि, सरकार ने अभी तक चार करोड़ वैक्सीन खुराक का ऑर्डर दिया है। ये दो करोड़ जनता के टीकाकरण के लिए पर्याप्त हैं, जिन्हें 21 दिनों के अंतराल में वैक्सीन की दो खुराक दी जाने वाली है। ब्रिटेन में कोरोना टीका लगवाने वालों को कार्ड जारी किया जाएगा। कार्ड पर मरीज का नाम, पता और वैक्सीन का बैच नंबर लिखा जाएगा। बताया जा रहा है कि प्रत्येक संक्रमित को फाइजर वैक्सीन के लिए दो डोज लेने होंगे। दूसरी बार फिर आने पर कार्ड दिखाना होगा। ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते ही ब्रिटेन की औषधि एवं स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने फाइजर बायोएनटेक कोविड-19 टीके को आपात मंजूरी दी थी। फाइजर ने दावा किया है कि उसका टीका कोरोना संक्रमण से 95 फीसद तक सुरक्षा देता है। हालाँकि, फ़ाइज़र वैक्सीन के मामले में जल्दबाजी के चलते इसके साइड इफेक्ट को लेकर भी विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। लेकिन सरकार ने बीते शुक्रवार को ही ऐलान किया था, कि यदि कोरोना वैक्सीन से कोई साइड इफेक्ट होता है तो वह इसके इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी। ब्रिटेन में अब तक कुल 17 लाख 37 हज़ार 960 लोग कोरोना से संक्रमित हुए है। जबकि 61 हज़ार 434 लोगों अब तक मौत भी हो चुकी है। इस बीच भारत में फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बाद हैदराबाद की फार्मास्युटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने भी अपने कोविड-19 टीके के लिए आपात उपयोग की मंजूरी मांगी है। कंपनी ने केंद्रीय औषधि नियामक में इसके लिए आवेदन किया है। इस तरह यह तीसरी कंपनी बन गई है, जो अपने टीके के इस्तेमाल की इजाजत मांग रही है। भारत बायोटेक द्वारा आईसीएमआर के साथ मिलकर टीके को तैयार करने का काम स्वदेश में ही किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और फाइजर के आवेदनों पर केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन में कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति आने वाले दिनों में विचार करेगी।
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