उत्तर प्रदेश, बिहार वैक्सीनेशन में पीछे, 9 फीसदी पूर्ण वैक्सीनेशन

भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के पिछले 24 घंटे में 18,795 नए मामले सामने आए हैं और संक्रमण के मामले लगातार घट रहे हैं। छह महीने में ऐसा पहली बार है जब संक्रमण के मामले 20 हज़ार से कम दर्ज किए गए हैं।
दूसरी तरफ वैक्सीनेशन अभियान में तेज़ी है लेकिन देश के 50 फीसदी राज्यों का वैक्सीनेशन अभियान में मिला-जुला प्रदर्शन है।
आईसीएआर के ट्विटर हैंङल पर एक ट्वीट में बताया गया है कि भारत में अबतक 87 करोड़ वैक्सीन की ङोज़ लगाई गई है। इनमें 63.8 करोड़ पहली ङोज़ और 23.06 करोड़ दूसरी ङोज़ लगाई गई है। वैक्सीनेशन के अगर राज्यवार आंकड़े देखें तो पता चलता है कि लगभग सभी इंडेक्स में पीछे रहने वाले राज्य वैक्सीनेशन अभियान में भी पिछड़ गए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्य हैं जहां 10 फीसदी या उससे भी कम आबादी को वैक्सीन के दोनों ङोज़ लग पाए हैं। उत्तर प्रदेश में वैक्सीन के लिए योग्य 9 फीसदी आबादी को ही दोनों ङोज़ लगे हैं, जबकि राज्य में 36 फीसदी आबादी को कम से कम एक ङोज़ दी गई है। बिहार भी उत्तर प्रदेश के साथ खड़ा है जहां 9 फीसदी योग्य आबादी को वैक्सीन की दोनों ङोज़ लगाई गई है और राज्य में 35 फीसदी योग्य आबादी को वैक्सीन की एक कम से कम ङोज़ दी गई है। हालांकि झारखंड में 10 फीसदी योग्य आबादी पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेङ है, जबकि 35 फीसदी को कम से कम एक ङोज़ लगाई गई है। 50 फीसदी राज्यों में 50 फीसदी से कम वैक्सीनेशन देश के करीब 50 फीसदी राज्य ऐसे हैं जहां 50 फीसदी से भी कम वैक्सीनेशन हुए हैं। यानि 17 राज्यों में 50 फीसदी या उससे भी कम योग्य आबादी को वैक्सीन की एक ङोज़ लगाई गई है। विभिन्न राज्यों में 25 फीसदी या उससे भी कम योग्य आबादी पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेङ है। वैक्सीनेशन में बेहतर प्रदर्शन वाले राज्य हालांकि अगर वैक्सीनेशन अभियान में बेहतर प्रदर्शन देखें तो लक्षद्वीप, गोवा, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, चंडीगढ़, अंडमान और केरल जैसे राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की आबादी कम है और यहां करीब 80 फीसदी तक वैक्सीनेशन हुए हैं और टॉप के लगभग राज्यों में 50 फीसदी से ज़्यादा योग्य आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेटेङ है। CoWin डेटा से पता चलता है कि पांचवीं बार, भारत 27 सितंबर को एक दिन में 1 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन की ङोज़ लगाई गई है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद भी किया। देश में दैनिक COVID-19 वैक्सीनेशन 27 अगस्त को पहली बार 1 करोड़ को पार कर गया था। भारत में वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ और पहले चरण में सिर्फ स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही वैक्सीन दी गई। इसे 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए योग्य किया गया था।
आईसीएआर के ट्विटर हैंङल पर एक ट्वीट में बताया गया है कि भारत में अबतक 87 करोड़ वैक्सीन की ङोज़ लगाई गई है। इनमें 63.8 करोड़ पहली ङोज़ और 23.06 करोड़ दूसरी ङोज़ लगाई गई है। वैक्सीनेशन के अगर राज्यवार आंकड़े देखें तो पता चलता है कि लगभग सभी इंडेक्स में पीछे रहने वाले राज्य वैक्सीनेशन अभियान में भी पिछड़ गए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्य हैं जहां 10 फीसदी या उससे भी कम आबादी को वैक्सीन के दोनों ङोज़ लग पाए हैं। उत्तर प्रदेश में वैक्सीन के लिए योग्य 9 फीसदी आबादी को ही दोनों ङोज़ लगे हैं, जबकि राज्य में 36 फीसदी आबादी को कम से कम एक ङोज़ दी गई है। बिहार भी उत्तर प्रदेश के साथ खड़ा है जहां 9 फीसदी योग्य आबादी को वैक्सीन की दोनों ङोज़ लगाई गई है और राज्य में 35 फीसदी योग्य आबादी को वैक्सीन की एक कम से कम ङोज़ दी गई है। हालांकि झारखंड में 10 फीसदी योग्य आबादी पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेङ है, जबकि 35 फीसदी को कम से कम एक ङोज़ लगाई गई है। 50 फीसदी राज्यों में 50 फीसदी से कम वैक्सीनेशन देश के करीब 50 फीसदी राज्य ऐसे हैं जहां 50 फीसदी से भी कम वैक्सीनेशन हुए हैं। यानि 17 राज्यों में 50 फीसदी या उससे भी कम योग्य आबादी को वैक्सीन की एक ङोज़ लगाई गई है। विभिन्न राज्यों में 25 फीसदी या उससे भी कम योग्य आबादी पूर्ण रूप से वैक्सीनेटेङ है। वैक्सीनेशन में बेहतर प्रदर्शन वाले राज्य हालांकि अगर वैक्सीनेशन अभियान में बेहतर प्रदर्शन देखें तो लक्षद्वीप, गोवा, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, चंडीगढ़, अंडमान और केरल जैसे राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश शामिल हैं। इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश की आबादी कम है और यहां करीब 80 फीसदी तक वैक्सीनेशन हुए हैं और टॉप के लगभग राज्यों में 50 फीसदी से ज़्यादा योग्य आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेटेङ है। CoWin डेटा से पता चलता है कि पांचवीं बार, भारत 27 सितंबर को एक दिन में 1 करोड़ से ज़्यादा वैक्सीन की ङोज़ लगाई गई है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद भी किया। देश में दैनिक COVID-19 वैक्सीनेशन 27 अगस्त को पहली बार 1 करोड़ को पार कर गया था। भारत में वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ और पहले चरण में सिर्फ स्वास्थ्य कर्मचारियों को ही वैक्सीन दी गई। इसे 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए योग्य किया गया था।
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