देश में सामान्य से ज़्यादा हो रही बारिश: रिपोर्ट

by M. Nuruddin 1 year ago Views 2341

Monsoon
कई अनुमानों में बताया गया है कि बारिश कम होने से कई राज्यों में सूखे की समस्या पैदा हो गई है। इसी तरह की एक रिपोर्ट के बारे में गोन्यूज़ ने भी आपको बताया था कि बिहार के कई ज़िलों में गर्मी शुरु होने के साथ ही पानी की समस्या पैदा हो गई है आंकड़े देखें तो पिछले दो सालों में मौसम विभाग के अनुमान से ज़्यादा बारिश हो रही है। मसलन इस साल के अप्रैल महीने में मौसम विभाग के अनुमान के उलट 109 फीसदी बारिश हुई है।

जबकि अगर साल 2004 के इसी अप्रैल महीने के आंकड़े देखें तो अनुमान से 13 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई थी। यानि मौसम विभाग ने अच्छे मॉनसून का अनुमान लगाया था लेकिन सिर्फ 87 फीसदी ही बारिश दर्ज की गई।


अब अगर दूसरी तरफ प्रति व्यक्ति पानी की उप्लब्धता देखें तो यह देश में जनसंख्या के हिसाब से लगातार घट रही है, जिसमें आगे भी गिरावट होने का अनुमान है। मसलन साल 2001 में जहां प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 1,816 क्यूबिक मीटर थी वो साल 2011 में घटकर 1,545 क्यूबिक मीटर रह गई।

प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो ने मार्च 2020 में बताया था कि इस साल 2021 में यह घटकर 1,486 क्यूबिक मीटर रहने वाला है, जिसके साल 2031 तक और कम होकर 1,367 तक पहुंचने का अनुमान है। 

पीआईबी ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के हवाले से बताया था कि (केन्द्र सरकार) के जल जीवन मिशन के तहत शहरी इलाकों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 135 लीटर पानी की आपूर्ति तय की गई है। जबकि इस मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन पानी की उपलब्धता निर्धारित की गई है।

साल 2019 में जारी एक कृषि रिपोर्ट में बताया गया था कि देश का 47 फीसदी कृषि क्षेत्र बारिश के पानी पर ही निर्भर करता है। उदाहरण के तौर पर देखें तो 100 मिलियन हेक्टेयर में 47 मिलियन हेक्टेयर कृषि क्षेत्र बारिश के पानी पर निर्भर है।

जैसा कि नेश्नल कमिशन फॉर इंटिग्रेटेड वॉटर रिसोर्सेज़ डेवलपमेंट की एक रिपोर्ट में बताया गया है, साल 1997-98 के दैरान पानी के कुल इस्तेमाल में सिंचाई के लिए 83.30 फीसदी पानी का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि किसानों का बारिश के पानी पर निर्भरता कम हो रहा है। अनुमान के मुताबिक़ साल 2025 तक यह घटकर 72.48 फीसदी रह जाएगा।

सेंट्रल वॉटर कमिशन की रिपोर्ट के मुताबिक़ देश में कुल वॉटर सप्लाई का 75 फीसदी बारिश पर ही निर्भर है। मसलन देश में सालाना आधार पर औसतन 4000 बिलियन क्यूबिक मीटर बारिश होती है। पिछले साल जून से सितंबर के दौरान औसतन 3000 बिलियन क्यूबिक मीटर बारिश हुई। और इनमें 1,123 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी का सालाना आधार पर इस्तेमाल हुआ।

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