Kerala Flood: "आमंत्रित आपदा" से राज्य में फिर तबाही !
पर्यावरण एक्सपर्ट ने चेताया है कि ,"अगर बारिश लगातार होती रही तो राज्य में 2018 जैसे हालात पैदा हो सकते हैं ..."

दक्षिणी राज्य केरल में शनिवार से हो रही लगातार बारिश की वजह से कई लैंडस्लाइड हुए हैं और राज्य के कई ज़िले में बाढ़ आ गई है। इस वजह से कम से कम 25 लोगों के मारे जाने की ख़बर है। बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से लगभग नदियां उफान पर है और गांवों और क़स्बों से संपर्क टूट गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ मरने वालों में पांच बच्चे भी शामिल हैं।
हालांकि एकस्पर्ट इसे “मानव निर्मित आपदा” या “आमंत्रित आपदा” बता रहे हैं और सरकार पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं।
आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, कहा जा रहा है कि काफी संख्या में लोग लापता भी हैं। हालांकि राहत बचाव कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक़ सभी लापता लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं और तलाशी अभियान अभी भी जारी है। सबसे बुरा हाल राज्य के कोट्टयम ज़िले का है जहां कई घर पानी की तेज़ धारा में बह गए और सैकड़ों लोग फंसे हैं। Kerala Flood: इडुक्की में 11 और कोट्टायम में 14 शव बरामद इनकी मदद के लिए सेना के जवानों को भेजा गया है। राहत बचाव कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक़ इडुक्की ज़िले में अबतक 11 और कोट्टायम ज़िले में 14 शव निकाले गए हैं। केरल के कोट्टायम और इडुक्की ज़िले राज्य के दो सबसे बुरी तरह प्रभावित ज़िले हैं। यहां पहले भी बड़ी संख्या में लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं और कई ने अपनी जान गवाए हैं। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक़ प्रभावित ज़िले, गांव और क़स्बों में मदद के लिए सैन्य हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे वीडियो में बसें और कारें बाढ़ के पानी में डूबी नज़र आ रही हैं। कई घर लैंडस्लाइड की वजह से पानी में समा गए। Kerala Flood: मौसम विभाग की चेतावनी भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक़ दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और केरल के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र के कारण भारी बारिश के हालात पैदा हुए हैं, जिसके अब कम होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर भारत में, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हिमालयी इलाकों सहित कुछ राज्यों में अगले दो से तीन दिनों में "भारी से बहुत भारी बारिश” होने का अनुमान है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार, 17 अक्टूबर को तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम और कोझीकोड सहित 11 ज़िलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया। Kerala Flood: सीएम पिनरई विजयन क्या बोले ? राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि प्राभवित इलाकों से हज़ारों लोगों को निकाला गया है कि और राज्य में 100 से ज़्यादा राहत शिविर केन्द्र बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लोगों से घर से बाहर निकलते समय अत्यधिक सावधानी बरतने को की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक़, पठानमथिट्टा, कोट्टायम और तिरुवनंतपुरम जिलों में स्थित मैडमॉन, कल्लुपारा, थुम्पमन, पुलकायार, मानिक्कल, वेल्लाइकदावु और अरुविपुरम बांधों में जल स्तर बढ़ रहा है। सबरीमाला तीर्थयात्रा भी बारिश की वजह से मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि, राज्य के अनुरोध के बाद, नेश्नल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF), सेना, नौसेना और वायु सेना की 11 टीमों को बचाव कार्यों के लिए राज्य में तैनात किया गया है। Kerala Flood: 2018 में मारे गए करीब 500 लोग साल 2018 में केरल में आई सदी की सबसे भंयकर बाढ़ ने राज्य को तबाह कर दिया था। इस दरमियान करीब 500 लोगों की मौत हो गई थी। इनके अलावा 18 लोग लापता हो गए थे जिनका कुछ पता नहीं चला। केरल में अगस्त 2016 में आई बाढ़ में 10 जिलों से लगभग 341 बड़े लैंडस्लाइड की घटनाएं देखी गई, जबकि गडकगिल कमेटी की रिपोर्ट में इडुक्की को सबसे ज़्यादा संवेदनशील बताया गया था जहां करीब 150 लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई थी। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 2016 में प्रकाशित आपदा प्रबंधन योजना के मुताबिक़ 1961 और 2016 के बीच राज्य में 85 बड़े लैंडस्लाइड में 295 लोगों की जान चली गई। Kerala Flood: पर्यावरण एक्सपर्ट की टिप्पणी हालांकि पर्यावरण एक्सपर्ट ने चेताया है कि अगर बारिश लगातार होती रही तो राज्य में 2018 जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। एक्सपर्ट इसे “आमंत्रित आपदा” क़रार दे रहे हैं। मसलन पर्यावरण एक्सपर्ट 2011 में सरकार को सौंपी गई उस रिपोर्ट की बात कर रहे हैं जिसमें राज्य के कई इलाकों को संवेदनशील बताया गया था और इसके लिए पर्याप्त क़दम उठाए जाने की सलाह दी गई थी। इसको लेकर एक्सपर्ट और विपक्ष के नेता राज्य सरकार पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने गडगिल कमेटी की अध्यक्षता कर रहे माधव गडगिल से मौजूदा हालात पर बातचीत की है। उन्होंने कहा, “हमने राज्य के एक छोटे क्षेत्र में ही आर्थिक गतिविधियों को रोकने के लिए कहा था, जो अति संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। उस पर ध्यान नहीं देने के परिणामस्वरूप हाल के वर्षों में भूस्खलन और बड़े पैमाने पर बाढ़ आई है।” “कुछ अतिक्रमण और निर्माण अपेक्षाकृत हाल के भी हैं। यह एक आमंत्रित आपदा है।" उन्होंने कहा कि ये निर्माण न सिर्फ लैंडस्लाइड का कारण बन रहा है बल्कि नदियों सहित केरल में समग्र पारिस्थितिकी तंत्र और प्राकृतिक संसाधनों को भी प्रभावित कर रहे हैं।
आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, कहा जा रहा है कि काफी संख्या में लोग लापता भी हैं। हालांकि राहत बचाव कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक़ सभी लापता लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं और तलाशी अभियान अभी भी जारी है। सबसे बुरा हाल राज्य के कोट्टयम ज़िले का है जहां कई घर पानी की तेज़ धारा में बह गए और सैकड़ों लोग फंसे हैं। Kerala Flood: इडुक्की में 11 और कोट्टायम में 14 शव बरामद इनकी मदद के लिए सेना के जवानों को भेजा गया है। राहत बचाव कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक़ इडुक्की ज़िले में अबतक 11 और कोट्टायम ज़िले में 14 शव निकाले गए हैं। केरल के कोट्टायम और इडुक्की ज़िले राज्य के दो सबसे बुरी तरह प्रभावित ज़िले हैं। यहां पहले भी बड़ी संख्या में लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं और कई ने अपनी जान गवाए हैं। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक़ प्रभावित ज़िले, गांव और क़स्बों में मदद के लिए सैन्य हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे वीडियो में बसें और कारें बाढ़ के पानी में डूबी नज़र आ रही हैं। कई घर लैंडस्लाइड की वजह से पानी में समा गए। Kerala Flood: मौसम विभाग की चेतावनी भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक़ दक्षिण-पूर्वी अरब सागर और केरल के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र के कारण भारी बारिश के हालात पैदा हुए हैं, जिसके अब कम होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर भारत में, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हिमालयी इलाकों सहित कुछ राज्यों में अगले दो से तीन दिनों में "भारी से बहुत भारी बारिश” होने का अनुमान है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार, 17 अक्टूबर को तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पठानमथिट्टा, कोट्टायम, अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम और कोझीकोड सहित 11 ज़िलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया। Kerala Flood: सीएम पिनरई विजयन क्या बोले ? राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि प्राभवित इलाकों से हज़ारों लोगों को निकाला गया है कि और राज्य में 100 से ज़्यादा राहत शिविर केन्द्र बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लोगों से घर से बाहर निकलते समय अत्यधिक सावधानी बरतने को की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक़, पठानमथिट्टा, कोट्टायम और तिरुवनंतपुरम जिलों में स्थित मैडमॉन, कल्लुपारा, थुम्पमन, पुलकायार, मानिक्कल, वेल्लाइकदावु और अरुविपुरम बांधों में जल स्तर बढ़ रहा है। सबरीमाला तीर्थयात्रा भी बारिश की वजह से मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि, राज्य के अनुरोध के बाद, नेश्नल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF), सेना, नौसेना और वायु सेना की 11 टीमों को बचाव कार्यों के लिए राज्य में तैनात किया गया है। Kerala Flood: 2018 में मारे गए करीब 500 लोग साल 2018 में केरल में आई सदी की सबसे भंयकर बाढ़ ने राज्य को तबाह कर दिया था। इस दरमियान करीब 500 लोगों की मौत हो गई थी। इनके अलावा 18 लोग लापता हो गए थे जिनका कुछ पता नहीं चला। केरल में अगस्त 2016 में आई बाढ़ में 10 जिलों से लगभग 341 बड़े लैंडस्लाइड की घटनाएं देखी गई, जबकि गडकगिल कमेटी की रिपोर्ट में इडुक्की को सबसे ज़्यादा संवेदनशील बताया गया था जहां करीब 150 लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई थी। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 2016 में प्रकाशित आपदा प्रबंधन योजना के मुताबिक़ 1961 और 2016 के बीच राज्य में 85 बड़े लैंडस्लाइड में 295 लोगों की जान चली गई। Kerala Flood: पर्यावरण एक्सपर्ट की टिप्पणी हालांकि पर्यावरण एक्सपर्ट ने चेताया है कि अगर बारिश लगातार होती रही तो राज्य में 2018 जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। एक्सपर्ट इसे “आमंत्रित आपदा” क़रार दे रहे हैं। मसलन पर्यावरण एक्सपर्ट 2011 में सरकार को सौंपी गई उस रिपोर्ट की बात कर रहे हैं जिसमें राज्य के कई इलाकों को संवेदनशील बताया गया था और इसके लिए पर्याप्त क़दम उठाए जाने की सलाह दी गई थी। इसको लेकर एक्सपर्ट और विपक्ष के नेता राज्य सरकार पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने गडगिल कमेटी की अध्यक्षता कर रहे माधव गडगिल से मौजूदा हालात पर बातचीत की है। उन्होंने कहा, “हमने राज्य के एक छोटे क्षेत्र में ही आर्थिक गतिविधियों को रोकने के लिए कहा था, जो अति संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। उस पर ध्यान नहीं देने के परिणामस्वरूप हाल के वर्षों में भूस्खलन और बड़े पैमाने पर बाढ़ आई है।” “कुछ अतिक्रमण और निर्माण अपेक्षाकृत हाल के भी हैं। यह एक आमंत्रित आपदा है।" उन्होंने कहा कि ये निर्माण न सिर्फ लैंडस्लाइड का कारण बन रहा है बल्कि नदियों सहित केरल में समग्र पारिस्थितिकी तंत्र और प्राकृतिक संसाधनों को भी प्रभावित कर रहे हैं।
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