कोरोनावायरस: छोटे और नए व्यापारों पर बड़ा असर, अगले 6 महीने नौकरियां ख़तरे में

कोरोना वायरस का असर लगभग सभी तरह के व्यवसायों पर देखा जा सकता है। उन्हीं में शामिल है देश के हज़ारों स्टार्टअप्स जो मार्केट्स में खुद को स्थायी रूप से स्थापित करने से पहले ही ठप्प होने की कगार पर है।
सोशल मीडिया और कम्युनिटी प्लेटफ़ॉर्म लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, 47% स्टार्टअप्स और छोटे और मध्यम व्यवसायों जो SME सेक्टर में आते है, वो इस सर्वेक्षण का हिस्सा बने, उन्होंने कहा कि उनके पास एक महीने से भी कम समय की व्यापार पूंजी बची है। मार्च के अंतिम सप्ताह में किए गए इस सर्वेक्षण में भारत के 90 से अधिक जिलों में स्थित स्टार्टअप्स और एसएमई की 13,970 से अधिक कंपनियों की प्रतिक्रियाएं मिली।
लोकल सर्कल्स ने कहा कि स्टार्टअप्स और एसएमई ने अपने प्लेटफॉर्म और अन्य उद्योग संघों के माध्यम से सरकार से संपर्क करना शुरू कर दिया है ताकि स्थिति से निपटने में मदद मांग सकें। इस सर्वे में 23% कंपनियों ने कहा कि उनके पास केवल 3-6 महीने के लिए पूँजी है और 24% ने कहा कि उनके पास केवल 1-3 महीनों के लिए नकदी बची है। सर्वेक्षण में केवल 6% ऐसी कंपनियां थी जिन्होंने कहा कि वे 6 महीने से अधिक के लिए तैयार है। स्टार्टअप्स ने सरकार से मदद में विभिन्न चीज़े आगे रखी, इनमें से कुछ है:-
लोकल सर्कल्स ने कहा कि स्टार्टअप्स और एसएमई ने अपने प्लेटफॉर्म और अन्य उद्योग संघों के माध्यम से सरकार से संपर्क करना शुरू कर दिया है ताकि स्थिति से निपटने में मदद मांग सकें। इस सर्वे में 23% कंपनियों ने कहा कि उनके पास केवल 3-6 महीने के लिए पूँजी है और 24% ने कहा कि उनके पास केवल 1-3 महीनों के लिए नकदी बची है। सर्वेक्षण में केवल 6% ऐसी कंपनियां थी जिन्होंने कहा कि वे 6 महीने से अधिक के लिए तैयार है। स्टार्टअप्स ने सरकार से मदद में विभिन्न चीज़े आगे रखी, इनमें से कुछ है:-
- एक महीने के लिए सरकार द्वारा पंजीकृत स्टार्टअप के कर्मचारी के वेतन की 50% प्रतिपूर्ति
- स्टार्टअप के लिए 20 लाख का अनुदान
- 15 दिनों के भीतर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए टीडीएस रिफंड को संसाधित करना
- सीएसआर फंड को स्टार्टअप के लिए खोलना
- सरकार की ओर से स्टार्टअप लोन्स में मदद
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