अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, जाडीपी दर माइनस 7.5 फ़ीसदी रहने का अनुमान-आरबीआई
आरबीआई गवर्नर दास ने बताया कि मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानि लोगो की इएमआई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी कि सर्दी में नई फसल आने से खाने-पीने की चीज़ो के दाम घटेंगे।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और कृषि सेक्टर में चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में हुई वृद्धि के चलते रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने जीडीपी के पूर्वानुमान में सुधार किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है की अगली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था सकारात्मक विकास दर हासिल कर सकती है, जो पिछली 2 तिमाही में 15 फीसदी से भी ज्यादा सिकुड़ चुकी है।
उन्होंने कहा भारत तीसरी तिमाही में 0.1 और चौथी तिमाही में 0.7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज़ कर सकता है। उन्होंने मासिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा की देश की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष यानि 2021 में 7.5 फ़ीसदी तक सिकुड़ सकती है। ध्यान रहे, पहले आरबीआई ने ही कहा था की भारतीय अर्थव्यवस्था 9.6 तक सिकुड़ सकती है लेकिन जीडीपी के ताज़ा सकारात्मक आँकड़ों के चलते इसमें सुधार किया गया है।
शक्तिकांत दास ने कहा “ ताज़ा विकास के आँकड़े भारत की अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार के लिए अच्छे संकेत है। सरकार और आरबीआई द्वारा नीतिगत फ़ैसलों से अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिल रही है। अब हमें महामारी के बारे में संज्ञान और सावधानी के साथ अर्थव्यवस्था को सभी बंदिशों से मुक्त करने की और बढ़ना चाहिए। देश में कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है और अब समय है कि हम महामारी में हुए नुकसान की जल्द से जल्द भरपायी करें और भारत तेज़ी से अपनी मंज़िल की और बढ़े। आरबीआई गवर्नर दास ने बताया कि मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानि लोगो की इएमआई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी कि सर्दी में नई फसल आने से खाने-पीने की चीज़ो के दाम घटेंगे। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई गवर्नर ने बताया की अगले कुछ दिनों में RTGS सिस्टम 24X7 बनाया जाएगा और साथ ही जनवरी से कांटेक्ट लेस कार्ड लेन देन की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति लेन-देन की जायेगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कामर्शियल और सहकारी बैंक 2019-20 में कमाये गये लाभ अपने पास रख सकते है। वे किसी तरह के लाभांश का भुगतान करने को बाध्य नहीं होंगे। इससे पहले, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने कहा था की जुलाई -सितंबर की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 7.5 प्रतिशत सिकुड़ गयी है। लगातार दो तिमाही सिकुड़ने से अब भारतीय अर्थव्यवस्था तकनीकी तौर पर मंदी में प्रवेश कर चुकी है। हालांकि, कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने बढ़ोतरी दर्ज कर अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने की रफ़्तार पर ब्रेक लगाया है। इससे आरबीआई को सकारात्मक नतीजों की उम्मीद बँधी है।
शक्तिकांत दास ने कहा “ ताज़ा विकास के आँकड़े भारत की अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार के लिए अच्छे संकेत है। सरकार और आरबीआई द्वारा नीतिगत फ़ैसलों से अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिल रही है। अब हमें महामारी के बारे में संज्ञान और सावधानी के साथ अर्थव्यवस्था को सभी बंदिशों से मुक्त करने की और बढ़ना चाहिए। देश में कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है और अब समय है कि हम महामारी में हुए नुकसान की जल्द से जल्द भरपायी करें और भारत तेज़ी से अपनी मंज़िल की और बढ़े। आरबीआई गवर्नर दास ने बताया कि मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानि लोगो की इएमआई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी कि सर्दी में नई फसल आने से खाने-पीने की चीज़ो के दाम घटेंगे। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई गवर्नर ने बताया की अगले कुछ दिनों में RTGS सिस्टम 24X7 बनाया जाएगा और साथ ही जनवरी से कांटेक्ट लेस कार्ड लेन देन की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति लेन-देन की जायेगी। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कामर्शियल और सहकारी बैंक 2019-20 में कमाये गये लाभ अपने पास रख सकते है। वे किसी तरह के लाभांश का भुगतान करने को बाध्य नहीं होंगे। इससे पहले, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने कहा था की जुलाई -सितंबर की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 7.5 प्रतिशत सिकुड़ गयी है। लगातार दो तिमाही सिकुड़ने से अब भारतीय अर्थव्यवस्था तकनीकी तौर पर मंदी में प्रवेश कर चुकी है। हालांकि, कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने बढ़ोतरी दर्ज कर अर्थव्यवस्था के सिकुड़ने की रफ़्तार पर ब्रेक लगाया है। इससे आरबीआई को सकारात्मक नतीजों की उम्मीद बँधी है।
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