सेंसेक्स ने पहली बार 50 हज़ार का आँकड़ा किया पार!

भारतीय कंपनियों के उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजे और बढ़े विदेशी निवेश के चलते गुरुवार को सेंसेक्स ने 50,000 अंक को पार कर लिया है। अकेले दिसंबर में विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में 20 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के मुताबिक साल 2020 में विदेशी निवेशकों ने 1.70 लाख करोड़ के भारतीय शेयर खरीदे जो भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़े विश्वास को दर्शाता है। इसके अलावा बाज़ार नियामक सेबी ने बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्री के फ्यूचर ग्रुप एस्टेट्स खरीदने की 24 हज़ार 713 करोड़ की डील को जो मंज़ूरी दी, उसका भी इस छलांग में योगदान रहा।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में जिन कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा उछले, उनमे ज्यादातर ऑटो और फाइनेंस सेक्टर से थे। मसलन मारुती सुजुकी, टाटा मोटर, बजाज ऑटो, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स और आईसीआईसीआई बैंक। जानकारों के मुताबिक सेंसेक्स का 50 हज़ार के पार जाना अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। भारतीय कंपनियों के उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजे, क़र्ज़ की बढ़ी मांग, टीकाकरण कार्यक्रम, व्यापक आर्थिक सुधार और कम ब्याज दरों के दम पर सेंसेक्स आगे और भी ऊचाइयांँ छू सकता है। ध्यान रहे, वर्ष 1990 में, सेंसेक्स ने पहली बार 1,000 का आंकड़ा पार किया और गुरुवार को यह पहली बार 50,000 से ऊपर चला गया। पिछले साल मार्च में, सरकार द्वारा कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू करने के बाद सेंसेक्स 25,638.90 तक फिसल गया था। हालाँकि, बाद में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और कॉर्पोरेट कमाई में सुधार से 9 महीनो बाद सेंसेक्स ने फिर ऐतिहासिक ऊंचाई पा ली। हालांकि, इस मुकाम पर पहुँचना आसान नहीं था। बीएसई ने न सिर्फ हर्षद मेहता, केतन पारेख और सत्यम घोटाले जैसे शेयर मार्किट के घपलों को देखा है बल्कि भारत के आर्थिक सुधारों का गवाह रहा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अलावा निफ्टी भी 86 अंको के उछाल के साथ 14,700 से आगे निकल गया।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में जिन कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा उछले, उनमे ज्यादातर ऑटो और फाइनेंस सेक्टर से थे। मसलन मारुती सुजुकी, टाटा मोटर, बजाज ऑटो, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स और आईसीआईसीआई बैंक। जानकारों के मुताबिक सेंसेक्स का 50 हज़ार के पार जाना अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। भारतीय कंपनियों के उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजे, क़र्ज़ की बढ़ी मांग, टीकाकरण कार्यक्रम, व्यापक आर्थिक सुधार और कम ब्याज दरों के दम पर सेंसेक्स आगे और भी ऊचाइयांँ छू सकता है। ध्यान रहे, वर्ष 1990 में, सेंसेक्स ने पहली बार 1,000 का आंकड़ा पार किया और गुरुवार को यह पहली बार 50,000 से ऊपर चला गया। पिछले साल मार्च में, सरकार द्वारा कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू करने के बाद सेंसेक्स 25,638.90 तक फिसल गया था। हालाँकि, बाद में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और कॉर्पोरेट कमाई में सुधार से 9 महीनो बाद सेंसेक्स ने फिर ऐतिहासिक ऊंचाई पा ली। हालांकि, इस मुकाम पर पहुँचना आसान नहीं था। बीएसई ने न सिर्फ हर्षद मेहता, केतन पारेख और सत्यम घोटाले जैसे शेयर मार्किट के घपलों को देखा है बल्कि भारत के आर्थिक सुधारों का गवाह रहा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अलावा निफ्टी भी 86 अंको के उछाल के साथ 14,700 से आगे निकल गया।
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