प्रति व्यक्ति बिजली खपत की वृद्धि दर 10 साल के सबसे निचले स्तर पर

आर्थिक मंदी और मांग में कमी के कारण देश में बिजली की खपत लगतार काम होती जा रही है. बिजलीघर अपनी उत्पादन क्षमता के आधे से भी कम पर काम कर रहें हैं और कुछ बिजलीघरों ने उत्पादन बंद करने का फैसला किया है.
सितम्बर के महीने में देश में बिजली पैदा करने की कुल क्षमता 300064 मेगावाट थी जबकि कुल मांग 100074 मेगावाट थी यानि आधे से भी कम। 13 नवम्बर को जारी केंद्रीय बजली प्राधिकरण की रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल से अब तक कुल 84 हज़ार करोड़ यूनिट बिजली बनाई गई लेकिन मांग सिर्फ 79 हज़ार करोड़ यूनिट की निकली यानी 5 फीसदी कम है।
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हाल में जारी औद्योगिक विकास के आंकड़ों से इस्सकी पुष्टि होती है जिनमे बिजली उत्पादन ढाई फीसदी कम हुआ है। अप्रैल से अबतक कुल विकास 3.8 फीसदी रहा है।
हाल में जारी औद्योगिक विकास के आंकड़ों से इस्सकी पुष्टि होती है जिनमे बिजली उत्पादन ढाई फीसदी कम हुआ है। अप्रैल से अबतक कुल विकास 3.8 फीसदी रहा है।