ऑटो इंडस्ट्री में सुस्ती जारी, मारूति के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा भी 1500 कर्मचारियों को निकाला

ऑटो क्षेत्र में नौ महीने से जारी मंदी की मार कर्मचारियों पर पड़ना शुरू हो गई है. मारूति सुज़ुकी के बाद अब महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी अप्रैल और मई के बीच अपने 1500 अस्थायी कमर्चारियों को कंपनी से बाहर निकाल दिया है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने रविवार को श्रीलंका में वीइकल असेंबली प्लांट का उद्घाटन किया है. इस दौरान कंपनी के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने पत्रकारों से कहा, ‘मुझे लगता है कि 1 अप्रैल से अभी तक हम 1500 अस्थायी कर्मचारियों को हटा चुके हैं. हमारी कोशिश है कि अब और कर्मचारियों को नहीं हटाया जाए लेकिन अगर सुस्ती जारी रहती है तो हम और कर्मचारियों को हटाने के लिए मजबूर होंगे.’
महिंद्रा एंड महिंद्रा से पहले देश में कार बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुज़ुकी भी अपने 3000 अस्थायी कर्माचारियों की छंटनी कर चुकी है. कहा जा रहा है कि अगर सुस्ती नहीं थमी तो अन्य वाहन कंपनियों में भी कर्मचारियों की छंटनी देखने को मिल सकती है. ऑटो इंडस्ट्री में सुस्ती का दौर पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुआ था जब गाड़ियों की बिक्री में गिरावट होने लगी थी. हाल ही में ऑटो मोबाइल कंपनियों की संस्था सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइलमैन्युफैक्चरर्स ने बताया कि जुलाई महीने में गाड़ियों की बिक्री में 18.71 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई जो पिछले 19 साल में सबसे बड़ी गिरावट है. इस दौरान दो लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा से पहले देश में कार बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुज़ुकी भी अपने 3000 अस्थायी कर्माचारियों की छंटनी कर चुकी है. कहा जा रहा है कि अगर सुस्ती नहीं थमी तो अन्य वाहन कंपनियों में भी कर्मचारियों की छंटनी देखने को मिल सकती है. ऑटो इंडस्ट्री में सुस्ती का दौर पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुआ था जब गाड़ियों की बिक्री में गिरावट होने लगी थी. हाल ही में ऑटो मोबाइल कंपनियों की संस्था सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइलमैन्युफैक्चरर्स ने बताया कि जुलाई महीने में गाड़ियों की बिक्री में 18.71 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई जो पिछले 19 साल में सबसे बड़ी गिरावट है. इस दौरान दो लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी है.
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