तीन साल पीछे पहुंचा भारत, जीडीपी 2017 के स्तर पर

विश्व बैंक के बाद अब रिज़र्व बैंक ने भी माना है कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था 9.5 फीसदी तक सिकुड़ने का अनुमान है। इससे पहले विश्व बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था के 9.6 फीसदी तक सिकुड़ने का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड महामारी की वजह से देश विकास के मोर्चे पर और ज़्यादा पिछड़ गया है।
आर्थिक विकास दर में पहले ही करीब 24 फीसदी की गिरावट आ चुकी है जो अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर है। वहीं आरबीआइ की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि भारत की मौजूदा अर्थव्यवस्था तीन साल पीछे चली गई है।
मसलन वित्त वर्ष 2017-18 में देश की जीडीपी का आकार 131.75 लाख करोड़ रूपये था जो अब भी वित्त वर्ष 2020-21 में 131.82 लाख करोड़ रूपये पर है। यानि आसान भाषा में कहें तो इन तीन सालों में देश का विकास लगभग शून्य के स्तर पर पहुंच गया।
मसलन वित्त वर्ष 2017-18 में देश की जीडीपी का आकार 131.75 लाख करोड़ रूपये था जो अब भी वित्त वर्ष 2020-21 में 131.82 लाख करोड़ रूपये पर है। यानि आसान भाषा में कहें तो इन तीन सालों में देश का विकास लगभग शून्य के स्तर पर पहुंच गया।
ताज़ा वीडियो