लॉकडाउन में आयात-निर्यात की कमर टूटी, बंदरगाहों पर कारोबार 23 फीसदी तक घटा

by M. Nuruddin 2 years ago Views 1438

Imports and exports break down in lockdown, busine
कोरोना महामारी को रोकने के लिए दुनियाभर में हुए लॉकडाउन से कारोबारी हलचल लगभग ख़त्म हो गई थी। अब धीरे-धीरे तालाबंदी के दौर में हुए नुकसान की तस्वीर सामने आ रही है। मसलन संसद में केंद्र सरकार ने बताया है कि अप्रैल से अगस्त के बीच देश के 12 बड़े बंदरगाहों पर होने वाले कारोबार में भारी गिरावट दर्ज़ हुई है।

लोकसभा में पेश शिपिंग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2019 के अप्रैल महीने में बड़े बंदरगाहों पर जहां 60 हज़ार 86 टन माल का आवागमन हुआ वो इस साल अप्रैल में गिरकर 47 हज़ार 422 टन रह गया यानि 21.08 फीसदी की गिरावट।


इसी तरह पिछले साल मई महीने के मुक़ाबले इस साल मई में माल के आवागमन में 23.25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मई 2019 में 59 हज़ार 151 टन माल का आयात-निर्यात हुआ वो मई 2020 में गिरकर 45 हज़ार 399 टन रह गया। वहीं जून महीने में 49,053 टन माल का आयात-निर्यात हुआ यानि पिछले साल के मुक़ाबले 14.64 फीसदी की गिरावट।

इसी तरह कार्गो हैंडलिंग में इस साल जुलाई में भी 13.23 फीसदी की गिरावट देखी गई जबकि सिर्फ 51,454 टन माल का आवागमन हुआ। इसी साल अगस्त महीने में 51 हज़ार 611 टन माल का दूसरे मुल्कों से आवागमन हुआ जोकि पिछले साल के मुक़ाबले 10.23 फीसदी कम है। इससे साफ है कि लॉकडाउन खुलने के दो महीने बाद भी अबतक स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है।

इंडियन पोर्ट एसोसिएशन के मुताबिक़ देश के बड़े बंदरगाहों पर कार्गो हैंडलिंग में करीब 17 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इनमें चेन्नई, कोचीन और कामराजार जैसे बंदरगाहों पर अप्रैल-अगस्त महीने के दौरान कार्गो वॉल्यूम में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट आई है।

बता दें कि देश में 12 प्रमुख बंदरगाह केन्द्र सरकार के नियंत्रण में है। इनमें दीनदयाल, मुंबई, जेएनपीटी, मोरमुगाओ, न्यू मंगलौर, कोचीन, चेन्नई, कामराजार, वीओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और हल्दिया सहित कोलकाता का बंगरगाह शामिल है।

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