2020 में भारतीय स्टार्टअप्स में विदेशी निवेश 35 फ़ीसदी घटा
जितना निवेश सभी स्टार्टअप्स ने जुटाया उससे दोगुने से भी ज़्यादा जियो ने अकेले जुटाया।

कोविड-19 और लॉकडाउन ने पूरी दुनिया में भयानक आर्थिक तबाही मचाई है और भारत भी इससे ख़ासा प्रभावित हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक भारतीय स्टार्टअप्स में होने वाला निवेश साल 2020 में 35 फीसदी तक घट गया है।
कंसल्टेंसी फर्म ट्रैक्सन के डाटा के मुताबिक भारतीय स्टार्टअप्स ने 2020 में 9.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 68 हजार करोड़ रुपए का निवेश जुटाया है। यह निवेश पिछले साल के मुकाबले 35% कम है। 2019 में भारतीय स्टार्टअप्स ने 14.5 बिलियन डॉलर करीब 1.06 लाख करोड़ रुपए का निवेश जुटाया था। वहीं, 2019 की 1185 के मुकाबले 2020 में 1088 निवेश की डील हुई हैं।
आँकड़ों के मुताबिक, 2020 में 100 मिलियन या इससे ज्यादा के 20 फंडिंग राउंड का आयोजन हुआ। वहीं 2019 में इनकी संख्या 26 थी। इसी तरह से 50 मिलियन डॉलर से 100 मिलियन डॉलर तक की डील साइज के 13 फंडिंग राउंड का आयोजन हुआ। और 2019 में इस डील साइज के फंडिंग राउंड की संख्या 27 थी। बता दें कि इस डाटा में जियो प्लेटफॉर्म्स की ओर से जुटाया गया फंड शामिल नहीं है। इस साल अकेले जियो प्लेटफॉर्म्स ने 20 बिलियन डॉलर करीब 1.52 लाख करोड़ रुपए का फंड जुटाया है। आसान भाषा में कहे तो जितना निवेश सभी स्टार्टअप्स ने जुटाया उससे दोगुने से भी ज़्यादा जियो ने अकेले जुटाया। पर यह बात भी सच है कि जियो की गिनती स्टार्टअप्स में नहीं हो सकती इसलिए उसका आँकड़ा अलग से लिखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय स्टार्टअप्स को इस साल की दूसरी छमाही में ज्यादा निवेश मिला है। जबकि पहली छमाही में स्टार्टअप्स को 461 डील्स के जरिए केवल 4.2 बिलियन डॉलर करीब 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश मिला था। 2020 में रोजर-पे, ग्लांस, अन-एकेडमी समेत 11 भारतीय स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने हैं। यूनिकॉर्न वे कंपनी होती है जिनकी मार्किट वैल्यू एक अरब डॉलर से ज्यादा होती है। गौरतलब यह भी जहा दिग्गज टेक अमेरिकी कंपनियों जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक ने 2020 में भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश बढ़ाया है। वहीं, भारत और चीन के सीमा पर तनाव के चलते चीन की दिग्गज कंपनी अलीबाबा और टेंसेंट के निवेश में कमी आई है।
आँकड़ों के मुताबिक, 2020 में 100 मिलियन या इससे ज्यादा के 20 फंडिंग राउंड का आयोजन हुआ। वहीं 2019 में इनकी संख्या 26 थी। इसी तरह से 50 मिलियन डॉलर से 100 मिलियन डॉलर तक की डील साइज के 13 फंडिंग राउंड का आयोजन हुआ। और 2019 में इस डील साइज के फंडिंग राउंड की संख्या 27 थी। बता दें कि इस डाटा में जियो प्लेटफॉर्म्स की ओर से जुटाया गया फंड शामिल नहीं है। इस साल अकेले जियो प्लेटफॉर्म्स ने 20 बिलियन डॉलर करीब 1.52 लाख करोड़ रुपए का फंड जुटाया है। आसान भाषा में कहे तो जितना निवेश सभी स्टार्टअप्स ने जुटाया उससे दोगुने से भी ज़्यादा जियो ने अकेले जुटाया। पर यह बात भी सच है कि जियो की गिनती स्टार्टअप्स में नहीं हो सकती इसलिए उसका आँकड़ा अलग से लिखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय स्टार्टअप्स को इस साल की दूसरी छमाही में ज्यादा निवेश मिला है। जबकि पहली छमाही में स्टार्टअप्स को 461 डील्स के जरिए केवल 4.2 बिलियन डॉलर करीब 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश मिला था। 2020 में रोजर-पे, ग्लांस, अन-एकेडमी समेत 11 भारतीय स्टार्टअप यूनिकॉर्न बने हैं। यूनिकॉर्न वे कंपनी होती है जिनकी मार्किट वैल्यू एक अरब डॉलर से ज्यादा होती है। गौरतलब यह भी जहा दिग्गज टेक अमेरिकी कंपनियों जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक ने 2020 में भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश बढ़ाया है। वहीं, भारत और चीन के सीमा पर तनाव के चलते चीन की दिग्गज कंपनी अलीबाबा और टेंसेंट के निवेश में कमी आई है।
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