पहली बार देश की जीडीपी का आकार स्टॉक बाजार में लगे पैसे से भी कम

देश आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। ताज़ा आंकड़े बताते हैं की देश की अर्थव्यवस्था को हुए नुक्सान के चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मार्किट कैप देश की जीडीपी से ज्यादा बड़ा हो गया है। बता दें मार्किट कैप सभी लिस्टेड कंपनियों का स्टॉक बाजार में लगा कुल पैसा होता है वहीं जीडीपी देश में एक निर्धारित काल में पैदा होने वाला सभी साजो-सामान और सेवाओं की कीमत होती है।
ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सभी लिस्टेड कंपनियों का लगा कुल पैसा पहुंच गया 161 लाख करोड़ रुपए। लेकिन दिलचस्प तथ्य यह है कि इसमें सबसे ज़्यादा मार्केट कैप अकेले मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस कार्पोरेशन के पास है.
हाल में ही रिलायंस इंडस्ट्रीज़ पहली ऐसी भारतीय कंपनी बनी जिसने 200 अरब डॉलर के मार्केट कैप के आंकड़े को छुआ. इसकी सबसे बड़ी वजह रिलायंस जियो में पूँजी निवेश है जिसकी बदौलत लॉकडाउन में ही रिलायंस ने काफी मुनाफ़ा बनाया था. बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की मार्किट कैप 14 लाख 72 हज़ार करोड़ को पार कर चुकी है। दूसरे नंबर पर फ़िलहाल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानि टीसीएस है जिसकी मार्केट कैप 119 अरब डॉलर है. इसकी तुलना अगर करे देश की जीडीपी से तो वित्त साल 2019-20 में देश की जीडीपी का कुल आंकड़ा था लगभग 145.6 लाख करोड़ रुपए। लेकिन अब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आशंका जताई है की वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी 9.6 सिकुड़ सकती है। अगर ऐसा होता है तो ये आंकड़ा घटकर पहुंच जायेगा 131.8 लाख करोड़ रुपए पर। आसान भाषा में कहे तो 130 करोड़ के देश में जितना पैसा नहीं है उससे ज्यादा पैसा तो स्टॉक बाजार में है। लेकिन समस्या ये है की स्टॉक बाजार में लगा पैसा बहुत आसानी से निकाला नहीं जा सकता है। इसके लिए आपके पास डीबीए अकाउंट होना चाहिए और आपके शेहर खरीदने वाला व्यक्ति चाहिए, तब कही जाके आप उस पैसे को निकाल सकते है।
हाल में ही रिलायंस इंडस्ट्रीज़ पहली ऐसी भारतीय कंपनी बनी जिसने 200 अरब डॉलर के मार्केट कैप के आंकड़े को छुआ. इसकी सबसे बड़ी वजह रिलायंस जियो में पूँजी निवेश है जिसकी बदौलत लॉकडाउन में ही रिलायंस ने काफी मुनाफ़ा बनाया था. बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ की मार्किट कैप 14 लाख 72 हज़ार करोड़ को पार कर चुकी है। दूसरे नंबर पर फ़िलहाल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानि टीसीएस है जिसकी मार्केट कैप 119 अरब डॉलर है. इसकी तुलना अगर करे देश की जीडीपी से तो वित्त साल 2019-20 में देश की जीडीपी का कुल आंकड़ा था लगभग 145.6 लाख करोड़ रुपए। लेकिन अब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आशंका जताई है की वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी 9.6 सिकुड़ सकती है। अगर ऐसा होता है तो ये आंकड़ा घटकर पहुंच जायेगा 131.8 लाख करोड़ रुपए पर। आसान भाषा में कहे तो 130 करोड़ के देश में जितना पैसा नहीं है उससे ज्यादा पैसा तो स्टॉक बाजार में है। लेकिन समस्या ये है की स्टॉक बाजार में लगा पैसा बहुत आसानी से निकाला नहीं जा सकता है। इसके लिए आपके पास डीबीए अकाउंट होना चाहिए और आपके शेहर खरीदने वाला व्यक्ति चाहिए, तब कही जाके आप उस पैसे को निकाल सकते है।
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