सीएमआईई सर्वेक्षण: नवंबर में 35 लाख लोगों ने गँवाई नौकरी!

COVID-19 महामारी से कई उद्योगों को भारी नुकसान हो रहा है। लाखों लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है, और अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़ा करना सरकार के लिए आने वाले साल की सबसे बड़ी आर्थिक चुनौती होने जा रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के सर्वेक्षण के अनुसार बीते महीने नवंबर में रोजगार में 20.3 फीसदी की गिरावट दर्ज़ हुई है और 35 लाख नौकरी चली गई है।
भारत में अर्थव्यवस्था की स्थिति को रिपोर्ट करने वाली सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक तालाबंदी के बीच पहली तिमाही में रोजगार 20.3 प्रतिशत वर्ष पर गिर जाने के बाद, यह दूसरी तिमाही में 3.5 प्रतिशत ही सिकुड़ा क्योंकि अर्थव्यवस्था ठीक होने लगी थी। लेकिन, इस सुधार ने तीसरी तिमाही में गति खो दी, जबकि तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था के और सुधरने के संकेत मिले थे। सीएमआईई के अनुसार अक्टूबर, में 50,000 लोग नौकरियों से हाथ धो बैठे, वही नवंबर में 35 लाख से अधिक नौकरिया चली गई। नवंबर 2020 में 39.36 करोड़ रोजगार अभी भी मार्च 2020 की तिमाही से लगभग 1 करोड़ कम है जब लॉकडाउन की घोषणा हुई थी। आसान भाषा में कहे तो अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है लेकिन नौकरिया वापस नहीं आ रही।
इस रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर के पहले तीन हफ्तों में, अधिक लोग नौकरियों की तलाश में शामिल हुए। इसने कुल बेरोजगारी की दर को भी बढ़ा दिया। जहां नवंबर में रोजगार की दर 37.4 प्रतिशत से बढ़कर तीन सप्ताह के औसत 37.5 प्रतिशत पर पहुंच गई, वहीं इसी अवधि में बेरोजगारी दर 6.5 प्रतिशत से बढ़कर 9.5 प्रतिशत रही। नतीजतन, यह उम्मीद की जाती है कि तीसरे तिमाही के अंत तक रोजगार संख्या लगभग 39.5 करोड़ होगी, यदि इस तिमाही के बाकी दिनों में कुछ बड़ी उथल-पुथल नहीं हुई तो। इसका मतलब वित्तवर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में रोजगार, वित्त वर्ष 2020 की इसी तिमााही में आंके गए 40.5 करोड़ की तुलना में 2.5 प्रतिशत कम होगा। इससे पहले देश के सबसे बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी एक रिपोर्ट में यह साफ किया था कि जीडीपी के कोविड पूर्व स्तर तक पहुंचने में लंबा वक्त लगेगा। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी के कोरोना वायरस महामारी से पूर्व के स्तर पर दोबारा पहुंचने में वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही से भी 7 तिमाही आगे का वक्त यानी क़रीब पौने तीन साल लग सकता है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर के पहले तीन हफ्तों में, अधिक लोग नौकरियों की तलाश में शामिल हुए। इसने कुल बेरोजगारी की दर को भी बढ़ा दिया। जहां नवंबर में रोजगार की दर 37.4 प्रतिशत से बढ़कर तीन सप्ताह के औसत 37.5 प्रतिशत पर पहुंच गई, वहीं इसी अवधि में बेरोजगारी दर 6.5 प्रतिशत से बढ़कर 9.5 प्रतिशत रही। नतीजतन, यह उम्मीद की जाती है कि तीसरे तिमाही के अंत तक रोजगार संख्या लगभग 39.5 करोड़ होगी, यदि इस तिमाही के बाकी दिनों में कुछ बड़ी उथल-पुथल नहीं हुई तो। इसका मतलब वित्तवर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में रोजगार, वित्त वर्ष 2020 की इसी तिमााही में आंके गए 40.5 करोड़ की तुलना में 2.5 प्रतिशत कम होगा। इससे पहले देश के सबसे बैंक स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी एक रिपोर्ट में यह साफ किया था कि जीडीपी के कोविड पूर्व स्तर तक पहुंचने में लंबा वक्त लगेगा। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी के कोरोना वायरस महामारी से पूर्व के स्तर पर दोबारा पहुंचने में वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही से भी 7 तिमाही आगे का वक्त यानी क़रीब पौने तीन साल लग सकता है।
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