जीएसटी कलेक्शन में गिरावट !

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के साफ संकेत मिल रहे हैं। मंत्रालय के मुताबिक़ जुलाई महीने में पिछले साल के मुक़ाबले 33 फीसदी की बढ़ोत्तरी के साथ जीएसटी कलेक्शन 1.16 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि इस जीएसटी कलेक्शन से साफ संकेत मिलते हैं कि अर्थव्यवस्था में तेज़ी से सुधार हो रहा है।
हालांकि अगर सालाना स्तर के आंकड़ों पर ग़ौर करें तो जीएसटी कलेक्शन में गिरावट ही देखी जा रही है जिसमें इस साल केन्द्र सरकार सुधार की उम्मीद लगाए हुई है। आंकड़े बताते हैं कि साल 2019-20 के दौरान वित्त मंत्रालय ने कुल 12.12 लाख करोड़ रूपये का जीएसटी कलेक्ट किया था। ग़ौर करने वाली बात ये है कि वो साल थे जब भारत में महामारी नहीं फैली थी।
जबकि साल 2020 में महामारी को क़ाबू करने के लिए लगाए गए ‘दुनिया के सबसे सख़्त लॉकडाउन’ की वजह से जीएसटी कलेक्शन में भारी गिरावट आ गई। मसलन अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच सरकार ने 11.3 लाख करोड़ रूपये का जीएसटी कलेक्ट किया। हालांकि चालू वित्त वर्ष के दौरान अबतक के कुल सात महीनों के जीएसटी कलेक्शन का कैलकुलेशन करें तो पता चलता है कि वित्त मंत्रालय ने अबतक कुल 4.5 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्ट किया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक़ जुलाई 2021 में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा एक साल पहले के समान महीने से 33 फीसदी ज्यादा रहा। मसलन पिछले साल इसी अवधि में वित्त मंत्रालय का कुल जीएसटी कलेक्शन 87,422 रूपये था। 1 से 31 जुलाई तक दायर किए गए जीएसटी रिटर्न के अलावा इसी अवधि के आईजीएसटी और वस्तुओं के आयात पर जुटाया गया उपकर शामिल है। वित्त मंत्रालय ने बताया है कि समीक्षाधीन महीने में वस्तुओं के आयात से राजस्व पिछले साल के समान महीने के मुकाबले 36 फीसदी ज्यादा रहा। वहीं, घरेलू लेनदेन से कलेक्शन (सेवाओं के आयात सहित) 32 फीसदी ऊंचा रहा। अब अगर हालिया मामलों की बात करें तो विशेषज्ञों ने तीसरी लहर की चेतावनी दे दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगस्त में ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक अगस्त में शुरू होने वाली तीसरी लहर अक्टूबर में अपने चरम पर पहुंच सकती है। ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि तीसरी लहर को क़ाबू करने के लिए केन्द्र सरकार क्या क़दम उठाती है। अगर फिर से लॉकडाउन जैसे उपाय अपनाए जाते हैं तो जीएसटी कलेक्शन पर इसका फिर से असर पड़ना तय है।
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जबकि साल 2020 में महामारी को क़ाबू करने के लिए लगाए गए ‘दुनिया के सबसे सख़्त लॉकडाउन’ की वजह से जीएसटी कलेक्शन में भारी गिरावट आ गई। मसलन अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच सरकार ने 11.3 लाख करोड़ रूपये का जीएसटी कलेक्ट किया। हालांकि चालू वित्त वर्ष के दौरान अबतक के कुल सात महीनों के जीएसटी कलेक्शन का कैलकुलेशन करें तो पता चलता है कि वित्त मंत्रालय ने अबतक कुल 4.5 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्ट किया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक़ जुलाई 2021 में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा एक साल पहले के समान महीने से 33 फीसदी ज्यादा रहा। मसलन पिछले साल इसी अवधि में वित्त मंत्रालय का कुल जीएसटी कलेक्शन 87,422 रूपये था। 1 से 31 जुलाई तक दायर किए गए जीएसटी रिटर्न के अलावा इसी अवधि के आईजीएसटी और वस्तुओं के आयात पर जुटाया गया उपकर शामिल है। वित्त मंत्रालय ने बताया है कि समीक्षाधीन महीने में वस्तुओं के आयात से राजस्व पिछले साल के समान महीने के मुकाबले 36 फीसदी ज्यादा रहा। वहीं, घरेलू लेनदेन से कलेक्शन (सेवाओं के आयात सहित) 32 फीसदी ऊंचा रहा। अब अगर हालिया मामलों की बात करें तो विशेषज्ञों ने तीसरी लहर की चेतावनी दे दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगस्त में ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक अगस्त में शुरू होने वाली तीसरी लहर अक्टूबर में अपने चरम पर पहुंच सकती है। ऐसे में अब यह देखने वाली बात होगी कि तीसरी लहर को क़ाबू करने के लिए केन्द्र सरकार क्या क़दम उठाती है। अगर फिर से लॉकडाउन जैसे उपाय अपनाए जाते हैं तो जीएसटी कलेक्शन पर इसका फिर से असर पड़ना तय है।
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