Auto Sector: जनवरी में थोक डिस्पैच में 19 फीसदी की गिरावट, दोपहिया वाहनों की बिक्री घटी: Report
जनवरी 2021 में 14.29 लाख से ज़्यादा इकाइयों की बिक्री की तुलना में दोपहिया वाहनों की बिक्री भी पिछले महीने 21 फीसदी घटकर लगभग 11.28 लाख इकाई रह गई...

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के मुताबिक़, जनवरी में ऑटोमोबाइल के थोक डिस्पैच में साल-दर-साल लगभग 19 फीसदी की गिरावट आई है। बताया गया है कि महामारी की तीसरी लहर, सेमीकंडक्टर की कमी और ग्रामीण मांग में कमी की वजह से पैसेंजर वाहनों और दोपहिया वाहनों की बिक्री में कमी आई है।
उद्योग निकाय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक़, कुल वाहनों का थोक डिस्पैच पिछले महीने लगभग 14.06 लाख तक गिर गया, जो जनवरी 2021 में 17.33 लाख था और यह 18.8 फीसदी की गिरावट रही।
जनवरी महीने में यात्री वाहनों की बिक्री घटकर 2.54 लाख इकाई रह गई जो पिछले साल समान अवधि में 2.76 लाख इकाई थी जो सालाना 8 फीसदी की गिरावट है। जनवरी में यात्री कारों की बिक्री लगभग 1.26 लाख इकाइयों पर थी जो 17.3 फीसदी की कमी है, यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 4.9 फीसदी बढ़कर लगभग 1.17 लाख इकाई हो गई और वैन की बिक्री 11,816 इकाइयों से 10,632 इकाई पर गिर गई है। जनवरी 2021 में 14.29 लाख से ज़्यादा इकाइयों की बिक्री की तुलना में दोपहिया वाहनों की बिक्री भी पिछले महीने 21 फीसदी घटकर लगभग 11.28 लाख इकाई रह गई। इसी तरह, तिपहिया वाहनों की बिक्री भी 10 फीसदी घटी है और जनवरी महीने में इसकी बिक्री 24,091 यूनिट रही। दोपहिया वाहन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था ! दोपहिया वाहनों की बिक्री भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बेहतर स्वास्थ्य का संकेत देता है। इस सदी की शुरुआत से ही दोपहिया वाहनों की खरीद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का पता लगाने में आसानी होती है। दोपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ने से यह समझा जाता है कि ग्रामीणों की इन्कम बढ़ रही है और यह ग्रमीणों के लाइफस्टाइल में बदलाव का भी संकेत देता है। Gonewsindia ने आपको पहले बताया था कि 2001 से 2011 के बीच दोपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन 40 मिलियन से बढ़कर 100 मिलियन हो गया था। उसके बाद के सालों में हर साल औसतन 10 मिलियन वाहनों की बिक्री होती थी जिसमें आख़िरी बार 2018 में 16.5 मिलियन दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी।
जनवरी महीने में यात्री वाहनों की बिक्री घटकर 2.54 लाख इकाई रह गई जो पिछले साल समान अवधि में 2.76 लाख इकाई थी जो सालाना 8 फीसदी की गिरावट है। जनवरी में यात्री कारों की बिक्री लगभग 1.26 लाख इकाइयों पर थी जो 17.3 फीसदी की कमी है, यूटिलिटी वाहनों की बिक्री 4.9 फीसदी बढ़कर लगभग 1.17 लाख इकाई हो गई और वैन की बिक्री 11,816 इकाइयों से 10,632 इकाई पर गिर गई है। जनवरी 2021 में 14.29 लाख से ज़्यादा इकाइयों की बिक्री की तुलना में दोपहिया वाहनों की बिक्री भी पिछले महीने 21 फीसदी घटकर लगभग 11.28 लाख इकाई रह गई। इसी तरह, तिपहिया वाहनों की बिक्री भी 10 फीसदी घटी है और जनवरी महीने में इसकी बिक्री 24,091 यूनिट रही। दोपहिया वाहन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था ! दोपहिया वाहनों की बिक्री भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बेहतर स्वास्थ्य का संकेत देता है। इस सदी की शुरुआत से ही दोपहिया वाहनों की खरीद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का पता लगाने में आसानी होती है। दोपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ने से यह समझा जाता है कि ग्रामीणों की इन्कम बढ़ रही है और यह ग्रमीणों के लाइफस्टाइल में बदलाव का भी संकेत देता है। Gonewsindia ने आपको पहले बताया था कि 2001 से 2011 के बीच दोपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन 40 मिलियन से बढ़कर 100 मिलियन हो गया था। उसके बाद के सालों में हर साल औसतन 10 मिलियन वाहनों की बिक्री होती थी जिसमें आख़िरी बार 2018 में 16.5 मिलियन दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी।
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