लॉकडाऊन में अमीर हुए और अमीर, अंबानी की संपत्ति हुई दोगुनी
आसान शब्दों में कहें तो भारत में महामारी के दौरान सिर्फ गरीब और गरीब हुआ वरना अमीरो ने अपनी खूब जेब भरी है...

विषमता की भयावहता को देखते हुए यह बात अरसे से कही जा रही है कि भारत में दो देश बसते है और 2020 ने से जैसे सच साबित कर दिया है। कोरोना महामारी रोकने के लिए लगे लॉकडाउन ने न जाने कितने उद्योग-धंधो पर हमेशा के लिए ताला लगा दिया और करोड़ो लोगो के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया। दूसरी तरफ जब लोग सड़कों पर थे, ठीक उसी समय देश के अरबपति मोटी चाँदी काट रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय रिसर्च संस्था ऑक्सफ़ैम की नई रिपोर्ट 'The Inequality Virus' के मुताबिक देश के 100 शीर्ष अरबपतियों ने पिछले साल मार्च से अक्टूबर तक 12 लाख 97 हज़ार 822 करोड़ रुपये कमाये। यह धनराशि इतनी है कि 13.8 करोड़ गरीब भारतीयों में हर एक व्यक्ति को 94045 रुपये दिये जा सकते हैं।
अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने जितना पैसा 1 घंटे में कमाया, उतना पैसा कमाने में किसी अकुशल मज़दूर को 10 हजार साल लग जाएंगे। पिछले साल मार्च से अक्टूबर तक मुकेश अंबानी की संपत्ति दोगुनी हो गई। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार उनकी संपत्ति 5.8 लाख करोड़ रुपए है। GoNews India ने 6 महीने पहले ही एक रिपोर्ट में बताया था की महामारी के दौरान जिन 100 ग्लोबल कंपनियों ने तगड़ा पैसा कमाया है, उनमे एकमात्र भारतीय कंपनी रिलायंस भी शामिल है जिसने 9 अरब डॉलर अपने खाते में जोड़े। अंबानी ही नहीं, कुमार मंगलम बिड़ला, उदय कोटक, गौतम अडानी, अजीम प्रेमजी, सुनील मित्तल, शिव नादर, लक्ष्मी मित्तल, साइरस पूनावाला, और राधाकृष्णन दमानी जैसे उद्योगपतियों की संपत्ति भी इस दौरान तेजी से बढ़ी है। इस रिपोर्ट में निकल कर आया है की कैसे COVID-19 की वजह से भारत में आमदनी, शिक्षा और लिंग के संदर्भ में असमानता को और बिगाड़ दिया है। ऑक्सफैम ने कहा कि भारतीय अरबपतियों की संपत्ति लॉकडाउन के दौरान 35 प्रतिशत और 2009 से 90 फीसदी बढ़कर 422.9 बिलियन डॉलर पर पहुँच गई और यह तेज़ी अमेरिका, चीन, जर्मनी, रूस और फ्रांस के बाद दुनिया में छठे स्थान पर है। दूसरी ओर, 2020 में महामारी के कारण 12.2 करोड़ कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इसमें 75% लोग यानी करीब 9.2 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र के हैं। देश के सबसे बड़े बैंक के मुताबिक एसबीआई के मुताबिक साल 2020-21 में एक आम हिंदुस्तानी की सालाना आमदनी, जोकि 1 लाख 12 हज़ार है, वो 20 फीसदी घट गई है। आसान शब्दों में कहे तो भारत में महामारी के दौरान सिर्फ गरीब और गरीब हुआ वरना अमीरो ने अपनी खूब जेब भरी है।
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अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने जितना पैसा 1 घंटे में कमाया, उतना पैसा कमाने में किसी अकुशल मज़दूर को 10 हजार साल लग जाएंगे। पिछले साल मार्च से अक्टूबर तक मुकेश अंबानी की संपत्ति दोगुनी हो गई। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार उनकी संपत्ति 5.8 लाख करोड़ रुपए है। GoNews India ने 6 महीने पहले ही एक रिपोर्ट में बताया था की महामारी के दौरान जिन 100 ग्लोबल कंपनियों ने तगड़ा पैसा कमाया है, उनमे एकमात्र भारतीय कंपनी रिलायंस भी शामिल है जिसने 9 अरब डॉलर अपने खाते में जोड़े। अंबानी ही नहीं, कुमार मंगलम बिड़ला, उदय कोटक, गौतम अडानी, अजीम प्रेमजी, सुनील मित्तल, शिव नादर, लक्ष्मी मित्तल, साइरस पूनावाला, और राधाकृष्णन दमानी जैसे उद्योगपतियों की संपत्ति भी इस दौरान तेजी से बढ़ी है। इस रिपोर्ट में निकल कर आया है की कैसे COVID-19 की वजह से भारत में आमदनी, शिक्षा और लिंग के संदर्भ में असमानता को और बिगाड़ दिया है। ऑक्सफैम ने कहा कि भारतीय अरबपतियों की संपत्ति लॉकडाउन के दौरान 35 प्रतिशत और 2009 से 90 फीसदी बढ़कर 422.9 बिलियन डॉलर पर पहुँच गई और यह तेज़ी अमेरिका, चीन, जर्मनी, रूस और फ्रांस के बाद दुनिया में छठे स्थान पर है। दूसरी ओर, 2020 में महामारी के कारण 12.2 करोड़ कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इसमें 75% लोग यानी करीब 9.2 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र के हैं। देश के सबसे बड़े बैंक के मुताबिक एसबीआई के मुताबिक साल 2020-21 में एक आम हिंदुस्तानी की सालाना आमदनी, जोकि 1 लाख 12 हज़ार है, वो 20 फीसदी घट गई है। आसान शब्दों में कहे तो भारत में महामारी के दौरान सिर्फ गरीब और गरीब हुआ वरना अमीरो ने अपनी खूब जेब भरी है।
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