स्टॉक बाज़ार में सभी सरकारी कंपनियां रिलायंस के आगे बौनी हुईं

by Rahul Gautam 3 years ago Views 1467

All government companies in stock market dwarfed b
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि देश भीषण वित्तीय संकट में फंस चुका है. इससे बाहर निकलने के लिए केंद्र सरकार तरह-तरह के उपाय कर रही है. उनमें से एक है सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी को निजी कंपनियों के हाथों बेचने का फैसला. अब तक ऐसी 26 सरकारी कंपनियां हैं जिन्हें बेचने या विनिवेश की तैयारी चल रही है.

मगर बेचने और लगातार घाटे में चलने से सरकारी कंपनियों का मार्केट कैप लगातार कम हो रहा है और दशक के सबसे कम स्तर पर जा पहुंचा है. एक अनुमान के मुताबिक देश के स्टॉक बाज़ारों की कुल मार्केट कैप का केवल 4.6 फीसदी हिस्सा सरकारी कंपनियों के पास है.


यहां यह जानना ज़रूरी है कि ऐसी 76 सरकारी कंपनियां हैं जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी सरकार के पास है और उनका कुल मार्केट कैप 12.5 लाख करोड़ रुपए है. इसमें भी 42 फीसदी हिस्सेदारी केवल 5 कंपनियों स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, ओेएनजीसी, पावर ग्रिड कारपोरेशन, एनटीपीसी और बीपीसीएल की है.

इसके अलावा स्टॉक बाजार में और सरकारी कंपनिया हैं जो आम हिंदुस्तानी की ज़रूरत पूरा करती हैं जैसे एलआईसी, आईआरसीटीसी, इंडियन आयल, बीएचइएल और कोल इंडिया. लेकिन दिलचस्प तथ्य यह है कि इससे ज्यादा मार्केट कैप अकेले मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस कारपोरेशन के पास है. आसान भाषा में कहें तो भारत सरकार की सभी बड़ी कंपनिया स्टॉक बाजार में अंबानी के कारोबार से छोटी हैं.

बीते गुरुवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज पहली ऐसी भारतीय कंपनी बनी जिसने 200 अरब डॉलर के मार्केट कैप के आंकड़े को छुआ. इसकी सबसे बड़ी वजह रिलायंस जियो में पूंजी निवेश है जिसकी बदौलत लॉकडाउन में ही रिलायंस ने काफी मुनाफा बनाया था. बता दें कि आज की तारीख में रिलायंस इंडस्ट्रीज की मार्किट कैप 14 लाख 72 हज़ार करोड़ को पार कर चुकी है। दूसरे नंबर पर फ़िलहाल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानि टीसीएस है जिसकी मार्केट कैप 119 अरब डॉलर है.

लॉकडाउन के दौर में दुनियाभर के लगभग सभी कारोबार ठप थे लेकिन इस दौरान कई कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने मुनाफा कमाया. फानेंशियल टाइम्स ने ऐसी 100 कंपनियों की लिस्ट जारी की थी जिन्होंने इस महामारी में भी अपने शेयर बढ़ाए हैं.

ख़ास बात ये है कि इन 100 कंपनियों में भारत की एकमात्र कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ शामिल है. आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान रिलायंस कंपनी ने 9 बिलियन डॉलर कमाकर अपने खाते में डाले थे. इसका सीधा मतलब है कि भले ही देश में आर्थिक तंगी चल रही हो लेकिन पैसे बनाने वाले, जमकर पैसा भी बना रहे है.

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