भारत सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान को छह साल पूरे हो चुके हैं लेकिन देश के कई ज़िले और गांव ऐसे हैं जहां मोबाइल नेटवर्क की सुविधा ठीक से नहीं पहुंच सकी है। इतना ही नहीं देश के अन्य हिस्सों से भी नेटवर्क की समस्या की ख़बरें आती रहती है और कॉल ड्रॉप की समस्या बरक़रार है।
मोबाइल नेटवर्क की समस्या को लेकर ही ओडिशा के देवघर ज़िले की पांच ग्राम पंचायतों ने अगले महीने 16-24 फरवरी को होने वाले सरपंच, पंचायत समिति और वार्ड सदस्यों के चुनाव का बहिष्कार किया है। ग्रामीणों ने मोबाइल नेटवर्क के अभाव में चुनाव नहीं लड़ने और मतदान नहीं करने का फैसला किया।
ज़िले में सरपंच, पंचायत समिति और वार्ड सदस्यों के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है और भुवनेश्वर से 235 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में तिलीबनी ब्लॉक में स्थित झारगोगुआ, गंडम, परपोशी, दिमिरीकुडा और झारमुंडा में मतदाताओं ने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया। ग्रामीण लंबे समय से अपनी मांग कर रहे थे, लेकिन इसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।
द हिंदू की रिपोर्ट की मुताबिक़ ग्रामीणों ने एक बैठक के बाद बहिष्कार का फैसला किया। इतना ही नहीं लोगों से चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनने की अपील करते हुए पोस्टर, 'नो नेटवर्क, नो वोट' के साथ बहिष्कार का प्रचार भी किया जा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से पांच पंचायत के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कोरोना महामारी में शिक्षा ऑनलाइन स्थानांतरित होने की वजह से स्कूली बच्चों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है।
हालांकि प्रखंड अधिकारियों ने उन्हें चुनाव के लिए मनाने की कोशिश की है ग्रामीणों ने मोबाइल नेटवर्क के लिए अपने फैसले पर टिके रहने का फैसला किया है।
ताज़ा वीडियो